Gwalior Yamraj Temple : यमराज का मंदिर, आप यह सुनकर सोच रहे होंगे की क्या कभी यमराज का भी मंदिर हो सकता है, जी हां यह सच है। और सबसे खास बात तो यह है कि यह मंदिर देश में एकमात्र मंदिर है, जो मध्यप्रदेश के ग्वालियर (Gwalior Yamraj Temple) में स्थित है। यह मंदिर करीब 300 साल पुराना है। यमराज के इस मंदिर में दिवाली के एक दिन पहले यानि नरक चौदस (Narak Chaturdashi 2022) को एक विशेष पूजा होती है। इस दिन यमराज की मूर्ति का जलाभिषेक किया जाता है। विशेष पूजा के दौरान भक्त यमराज (Gwalior Yamraj Temple) देवता से मन्नते मांगते है और जीवन के अंतिम क्षणों में कष्ट नहीं देने की प्रार्थना करते है।
कहां है बना मंदिर?
देश का एकलौता यमराज का यह मंदिर मध्यप्रदेश के ग्वालियर (Gwalior Yamraj Temple) शहर के फूलबाग के मार्कण्डेश्वर मंदिर में स्थित है। इस मंदिर में यमराज की मूर्ति (Gwalior Yamraj Temple) की स्थापना करीब 300 साल पहले सिंधिया वंश के राजाओं ने की थी। यमराज का यह मंदिर देश में एक मात्र मंदिर है। मंदिर को लेकर कई पौराणिक कथाएं है, जिनमें से एक कथा काफी प्रचलित है। बताया जाता है कि जब यमराज ने भोलेनाथ को खुश करने के लिए उनकी तपस्या की थी तो, महादेव ने यमराज से खुश होकर एक वरदान दिया था। भगवान शिव ने कहा था कि आज से तुम मेरे गण माने जाओगे, दिवाली के एक दिन पहले नरक चौदस (Narak Chaturdashi 2022) को जो भी तुम्हारा अभिषेक करेगा, पूजा करेगा उसे सांसारिक कर्म से मुक्ति मिलेगी, उसे स्वर्ग की प्राप्ति होगी। इसलिए उसी दिन से यमराज जी (Gwalior Yamraj Temple) की विशेष पूजा अर्जना की जाती है।
ख़ास तरीके होती है पूजा
नरकचौदस (Narak Chaturdashi 2022) के दिन यमराज की खास तरीके से पूजा की जाती है। पूजा के दौरान दीप दान भी किया जाता है। लोगों का मानना है कि नरकचौदस (Narak Chaturdashi 2022) के दिन यमराज की पूजा (Gwalior Yamraj Temple) करने से कष्टों का निवारण होता है। यही वजह है कि नरकचौदस के दिन लोग यमराज का आशीर्वाद लेने के लिए मंदिर में दूर-दूर से ग्वालियर पहुंचते हैं।