WPI Inflation: कोरोना काल से जहां पर कई चीजें महंगी होती जा रही है वहीं पर हाल ही में महंगाई दर (WPI Inflation) के फिर से बढ़ने की जानकारी मिली। यहां पर अप्रैल महीने में होलसेल महंगाई (Inflation) में 9 सालों के हाई लेवल को पार कर लिया है, जिसके साथ ही होमसेल महंगाई दर 15 फीसदी के पार जा पहुंचा है।
वाणिज्य मंत्रालय ने जारी किए आकंड़े
आपको बताते चलें कि, वाणिज्य मंत्रालय ने इसे लेकर आंकड़े जारी किए है जिसमें कहा कि, अप्रैल 2022 महीने में महंगाई दर की मुख्य वजह पेट्रोलियम नैचुरल गैस, मिनरल ऑयल, बेसिक मेटल्स की कीमतों में तेजी आई है। जहां पर बताया जा रहा है कि, रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा संकट इस कारण है। यहां पर होमसेल महंगाई दर 15 फीसदी के पार जा पहुंचा है। बताया जा रहा है कि, थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर ( WPI based Inflation) 15 फीसदी के पार 15.08 फीसदी रहा है जबकि मार्च में 14.55 फीसदी रहा था।
#India Economic Data: Wholesale #Inflation #WPI, Apr. (Prov.)
WPI Inflation surged to 15.08% against 14.55% in March
✦ Prices ▲2.08% m/m, ▲15.08% y/y
✦ #Category:
Food: ▲8.35%,
Fuel/Power: ▲38.66%,
Vegetables: ▲23.24%,
Basic Metal: ▲24.81% m/m. pic.twitter.com/vNtEFNx3Cz— ZoomStocks Economy (@ZSEconomy) May 17, 2022
पांच महीनों में बढ़ी दर
आपको बताते चलें कि, अप्रैल महीने में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 8.35 फीसदी रहा है जो मार्च 2022 में ये 8.06 फीसदी पर था। आपको बताते चलें कि, फ्यूल और पावर की महंगाई दर बढ़कर 38.66 फीसदी पर जा पहुंची है जो मार्च 2022 में 34.52 फीसदी रही थी।डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति पिछले साल अप्रैल से लगातार 13वें महीने दोहरे अंक में बनी हुई है। समीक्षाधीन माह में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 8.35 प्रतिशत थी। इस दौरान सब्जियों, गेहूं, फल और आलू की कीमतों में तेज वृद्धि देखी गई थी। ईंधन और बिजली खंड में मुद्रास्फीति 38.66 प्रतिशत थी, जबकि विनिर्मित उत्पादों और तिलहन में यह क्रमशः 10.85 प्रतिशत और 16.10 प्रतिशत थी। कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की मुद्रास्फीति अप्रैल में 69.07 प्रतिशत थी। पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के मुताबिक खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में बढ़कर आठ साल के उच्च स्तर 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गई है।