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विश्व वृद्धजन दिवस: भोपाल में मां का अचानक हुआ निधन तो बेटे ने बुजुर्गों के लिए बनवाया लाखों का भवन

विश्व वृद्धजन दिवस: भोपाल में मां का अचानक निधन हुआ तो बेटे ने आसरा वृद्धाश्रम में बुजुर्गों के लिए लाखों का भवन बनवाया।

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Rahul Garhwal
World Older Persons Day mother died suddenly in Bhopal son built a building worth lakhs for the elderly

विश्व वृद्धजन दिवस: मानव सभ्यता के विकास के साथ-साथ पारिवारिक इकाई की संस्कृति विकसित हुई, जिसने दिनों-दिन मजबूती हासिल की। लेकिन वर्तमान में ये इकाई टूट रही है। इसलिए जगह-जगह वृद्धाश्रम बनाए जा रहे हैं। क्योंकि जिन मां-बाप ने कठिन परिश्रम से अपने बच्चों का पालन-पोषण किया, वही बच्चे बुढ़ापे में अपने मां-बाप को घर से निकाल देते हैं। लेकिन भोपाल में खाद्य मंत्री के OSD कुलदीप शुक्ला ने एक अच्छा उदाहरण पेश किया है। उन्होंने अपनी मां की स्मृति में वृद्धों के लिए आसरा वृद्धाश्रम में विशाल भवन की निर्माण कराया है।

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भोपाल कलेक्टर ने दिया था एक सुझाव

कुलदीप शुक्ला ने बताया कि मेरी मां अर्चना शुक्ला का देहांत 58 साल की उम्र में 14 फरवरी 2021 को हुआ था। 31 जुलाई को मेरी मां का जन्म हुआ था, जिसे हर बार हम लोग बड़ी धूमधाम से मनाता था। ऐसा पहली बार हो रहा था कि उनकी अनुपस्थिति में उनका जन्मदिन आ रहा था। किसी काम से मेरी मुलाकात तत्कालीन भोपाल कलेक्टर से हुई। उन्होंने सुझाव दिया कि आसरा वृद्धाश्रम के वृद्धजनों के साथ मां की जयंती मनानी चाहिए।

ऐसे मन में आया भवन बनाने का विचार

उस समय कोरोना के कारण वृद्धाश्रम में बाहर के लोगों और भोजन का जाना मना था। प्रशासन से विशेष अनुमति लेकर हमने वहां पर मां की स्मृति में भोजन वितरित किया और भजन संध्या का आयोजन किया। तभी बारिश शुरू हो गई, आश्रम में कोई ऐसी जगह नहीं थी, जहां सारे वृद्धजनों को एक साथ भोजन कराया जा सके। तभी मन में आया कि यहां पर एक भवन का निर्माण कराया जाए, जिसका उद्घाटन कवि शैलेश लोढ़ा ने किया था। मां की उपस्थिति को महसूस करने के लिए 4 लाख की सिलिकॉन मूर्ति बनवाई।

[caption id="attachment_672571" align="alignnone" width="557"]World Older Persons Day स्वर्गीय अर्चना शुक्ला की सिलिकॉन की मूर्ति[/caption]

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70 लाख रुपए में 8 महीने में बना भवन

भवन की लागत करीब 70 लाख रुपए है, जो लगभग 5 हजार वर्ग फीट में बना हुआ है। इसके लिए कुलदीप शुक्ला ने सबसे ज्यादा धनराशि दान दी है। कुछ राशि उनके मित्रों के सहयोग से इकट्ठा हुई। भवन निर्माण कार्य जनवरी 2023 में शुरू हुआ जो अगस्त में पूरा हुआ।

जनवरी 2021 में हुआ था कुलदीप शुक्ला की मां का निधन

स्वर्गीय अर्चना शुक्ला अपने जीवन के अंतिम 20 साल में डायबिटीज से पीड़ित थीं। वे बेहद धार्मिक और आध्यात्मिक प्रवृत्ति की महिला थीं। एक जनवरी 2021 को उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी, जिसके कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया। आराम नहीं मिलने पर नागपुर में इलाज कराया। जब वे स्वस्थ हो ही रहीं थी कि अचानक हार्ट अटैक आया। वे 10 दिन वेंटिलेटर पर रहने के बाद जर्नल वॉर्ड में शिफ्ट हुईं। 2 दिन बाद फिर अटैक आया और वो कोमा में चली गईं। कोमा में 25 दिन रहते हुए 2 बार अटैक आया और वो इस दुनिया से चल बसीं। विश्व वृद्धजन दिवस

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मां-बाप को घर में नहीं रखना चाहते बच्चे

आसरा वृद्धाश्रम का संचालन गांधी भवन करता है। गांधी भवन के सचिव दयाराम नामदेव ने कहा कि वृद्धाश्रम में 100 से ज्यादा वृद्ध महिला-पुरुष रहते हैं। यहां ज्यादातर वही वृद्ध आते हैं, जिनके बच्चे पढ़-लिखकर अच्छा जीवन जीते हैं, लेकिन मां-बाप को घर में नहीं रखना चाहते हैं। ऐसे दौर में कुलदीप शुक्ला का कार्य बेहद सराहनीय है। ईश्वर की कृपा से वे ऐसे जनहित कार्य कराते रहें।

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