हाइलाइट्स
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तंबाकू बना जान का दुश्मन
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तंबाकू से होती हैं बीमारी
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तंबाकू में होते हैं घातक केमिकल्स
World No Tobacco Day 2024: लोग तंबाकू को बड़े ही शौक से खाते हैं, लेकिन एक दिन उनका यही शौक धीरे-धीरे जान का दुश्मन बन जाता है।
बता दें कि तंबाकू एक धीमा जहर है। जो कि धीरे-धीरे आपकी आदत में आएगा और एक दिन कैंसर का कारण बन जाएगा। इसके साथ ही कई समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है।
World No Tobacco Day 2024: तंबाकू है जान का दुश्मन, एक दिन बनता है कैंसर का कारण; होती हैं ये समस्याएं#WorldNoTobaccoDay #WorldNoTobaccoDay2024 #Tobacco
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) May 31, 2024
तंबाकू बना जान का दुश्मन
तंबाकू के सेवन से कई तरह के कैंसर होते हैं, जो कि आपके शरीर को खोखला कर देते हैं।
हालांकि लोग तंबाकू से होने वाले नुकसान बेहतर तरीके से जानते हैं, लेकिन इसके बाद भी इस जहर को धीरे-धीरे अपनी जिंदगी में घोल रहे हैं।
आज विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर हम आपको बताएंगे कि आपका तंबाकू खाने का शौक कैसे आपकी जान का दुश्मन बन जाता है।
शौक से चबाने वाला तंबाकू धीरे-धीरे एक दिन आपको ही चबा लेता है। जी हां ये बात आपको शायद मजाक लगे, लेकिन ये कड़ा सत्य है।
तंबाकू से होती हैं ये बीमारी
तंबाकू के सेवन करने से हृदय रोग, , बैक्टीरियल निमोनिया, डायबिटीज, ओरल इन्फेक्शन, मुंह के कैंसर जैसी बीमारी होती है।
इसके साथ ही कुछ मामलों में ओरल हेल्थ के बिगड़ने से ऑस्टियोपोरोसिस, HIV एड्स का भी रिस्क हो सकता है। सिगरेट पीने वालों को अंगुलियों में गैंगरीन हो सकता है।
तंबाकू में होते हैं ये घातक केमिकल्स
फरवरी 2011 में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को गुटखा के बारे में रिपोर्ट सौंपी थी। जिसके मुताबिक, गुटखा और पान मसाला के 3095 सैंपल लिए गए हैं।
लिए गए सैंपलों में 28 केमिकल ऐसे पाए गए थे जिनसे कैंसर हो सकता है। इसके साथ ही तंबाकू में सीसे और तांबे जैसे कई हैवी मेटल्स (भारी धातु) भी पाए गए थे। सीसा नर्वस सिस्टम और तांबा जीन्स पर भी बुरा प्रभाव डालता है।
इस रिपोर्ट को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर (NIHFWU) ने 2003 और 2010 के बीच देशभर में कई लैब टेस्ट करने के बाद तैयार किया था।
तंबाकू से हर महीने होती हैं इतनी मौते
तंबाकू के सेवन करने से प्रदेश में हर महीने में 4000 लोगों की मौत हो रही हैं। ये संख्या बढ़ती ही जा रही है।
आपको बता दें कि आज से 20 साल पहले हर महीने तंबाकू सेवन से 1800 मौतें होती थीं और अब ये आंकड़ा 4 हजार पार गया है।
पहले 20% युवक और 3% महिलाएं सेवन करती थीं। अब 39 प्रतिशत युवक और 20 प्रतिशत महिलाएं तंबाकू का सेवन कर रहीं हैं।
होती है ये समस्या
तंबाकू के सेवन से गर्भवती होने में भी समस्या आती है। 13 से 15 साल की उम्र से ही बच्चे इस लत का शिकार हो जाते हैं।
इसके बाद जैसे-जैसे उनकी उम्र बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे उनकी लत में भी वृद्धि होती है।
बचपन से पड़ी लत की वजह से जब तक व्यक्ति की शादी होती है, तब तक वे अपने शरीर को खोखला कर लेते हैं। इसकी वजह से गर्भवती होना बहुत मुस्किल हो जाता है।
यदि आप अपने बच्चों को इस उम्र में तंबाकू की लत से बचा लेते हैं तो बच्चे के भविष्य में लत पड़ने की संभावना बहुत कम रहती है।
1 अप्रैल 2012 से इन गुटखों की बिक्री पर रोक
मध्यप्रदेश में 1 अप्रैल 2012 से पाउच में बिकने वाले गुटखों की बिक्री पर रोक लगी है। लेकिन सरकार की आय और कैंसर के मरीजों के आंकड़े जमीनी हकीकत को बयां करते हैं।
मध्यप्रदेश सरकार तंबाकू के उत्पादों से सालाना करीब 4 हजार करोड़ रुपए टैक्स के रूप में कमाती है। वहीं अगर देखा जाए तो गुटखा, पान मसाला, खैनी का सेवन करने से ओरल कैंसर मरीजों की संख्या देश में दूसरे नंबर हैं।
आज से संकल्प लें, नहीं करेंगे तंबाकू का सेवन
समाज में ऐसे भी लोग हैं, जो कि तंबाकू को संकल्प और दृड़ इच्छा शक्ति से छोड़ चुके हैं।
अगर आप भी तंबाकू का सेवन करते हैं, तो आज ही इस बात का संकल्प लें कि इस धीमें जहर का इस्तेमाल आज से ही हमेशा के लिए छोड़ देंगे। इसके साथ ही अपने अच्छे जीवन की शुरूआत करेंगे।
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