नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को कहा कि भारत ने मलेरिया को नियंत्रित करने में उल्लेखनीय प्रगति की है और वेक्टर जनित बीमारी के मामलों में 86.45 प्रतिशत की गिरावट आई है और 2015 की तुलना में 2021 में इससे होने वाली मौतों में 79.16 प्रतिशत की कमी आई है।
स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने कही बात
विश्व मलेरिया दिवस पर यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मांडविया ने कहा कि मलेरिया को लेकर जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए नई दिल्ली, लखनऊ, भुवनेश्वर और नागपुर रेलवे स्टेशनों को सोमवार को नारंगी और बैंगनी रंग में रोशन किया जाएगा। मांडविया ने कहा कि मलेरिया का पता लगाने और इलाज करने के साथ-साथ व्यक्तिगत और सामुदायिक परिवेश में ‘स्वच्छता’ और मलेरिया नियंत्रण और रोकथाम के बारे में सामाजिक जागरूकता इसके खिलाफ सामूहिक लड़ाई में अहम हैं। उन्होंने कहा कि इसी के साथ “2030 तक देश से मलेरिया के उन्मूलन के हमारे लक्ष्य को पूरा करने के लिए भी ये समान रूप से अहम है।”उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य देखभाल वितरण प्रणाली के प्रगतिशील सुदृढ़ीकरण पर जोर देने और बहु-क्षेत्रीय समन्वय और सहयोग में सुधार करने की जरूरत है।”
25 अप्रैल को मनाया जाता है दिवस
25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम है ‘वैश्विक मलेरिया रोग के बोझ को कम करने और जीवन बचाने के लिए नवाचार का उपयोग करें।’मांडविया ने राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय प्रयासों के माध्यम से मलेरिया उन्मूलन को प्राथमिकता देने का आह्वान किया।उन्होंने कहा कि रोग की पहचान, समय पर और प्रभावी उपचार और वेक्टर नियंत्रण उपायों के बारे में जन जागरूकता पैदा करने के लिए आशा, एएनएम सहित जमीनी स्तर के अग्रिम पंक्ती के स्वास्थ्य कर्मियों को सहयोगी संगठनों के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने मलेरिया उन्मूलन में मिली सफलता का भी ब्योरा दिया।
भारत में मलेरिया की स्थिति
उन्होंने कहा, “भारत ने मलेरिया के मामलों और मौतों को कम करने में उल्लेखनीय प्रगति की है। हमारे प्रयासों की वजह से ही मलेरिया के मामलों में 86.45 प्रतिशत की गिरावट आई है और 2015 की तुलना में 2021 में मलेरिया से संबंधित मौतों में 79.16 प्रतिशत की कमी आई है।”मंत्री ने कहा, “ देश के कुल 124 जिलों में मलेरिया का एक भी मामला नहीं है। मलेरिया के उन्मूलन के हमारे लक्ष्य की दिशा में यह एक अहम कदम है, लेकिन भारत को मलेरिया से मुक्त करने के सपने को साकार करने के लिए अब भी बहुत कुछ करने की जरूरत है।”केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि अगर जांच और इलाज को लेकर और प्रयास किए जाएं, तो भारत 2030 तक मलेरिया उन्मूलन के सपने को साकार कर लेगा।