अमेरिका के कैपिटल में हिंसा की विश्व नेताओं ने की निंदा, शांतिपूर्वक सत्ता हस्तांतरण की अपील -

अमेरिका के कैपिटल में हिंसा की विश्व नेताओं ने की निंदा, शांतिपूर्वक सत्ता हस्तांतरण की अपील

(इंट्रो में सुधार के साथ)

तोक्यो, सात जनवरी (एपी) अमेरिका में कैपिटल बिल्डिंग (अमेरिकी संसद भवन) में निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों के हंगामे और हिंसा की दुनिया भर के नेताओं ने निंदा की है और इसकी वजह से देश में उपजे हालात पर क्षोभ जताया है। विभिन्न देशों के नेताओं ने शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता हस्तांतरण का आह्वान किया है।

न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेंसिंडा आर्डन ने एक बयान में कहा कि ‘‘जो हो रहा है, वह गलत है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र में लोगों के पास मतदान करने का, अपनी बात रखने और फिर उस फैसले को शांतिपूर्ण तरीके से मनवाने का अधिकार होता है। इसे भीड़ द्वारा उलटा नहीं जाना चाहिए।’’

अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने अमेरिकी लोकतंत्र के हृदयस्थल पर जिस तरह के अराजक दृश्य पैदा किए वे आम तौर पर उन देशों में देखे जाते हैं जहां लोक उभार से किसी तानाशाह का तख्तापलट होता है। अरब स्प्रिंग या चेकोस्लोवाकिया के मखमली क्रांति इसके मिसाल हैं।

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, ‘‘महासचिव वाशिंगटन डीसी के यूएस कैपिटल में हुई घटनाओं से दुखी हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में, यह महत्वपूर्ण है कि राजनीतिक नेता अपने समर्थकों को हिंसा से दूर रहने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया और कानून के शासन में विश्वास करने के लिए राजी करें।’’

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ट्वीट किया, ‘‘अमेरिकी संसद परिसर में अशोभनीय दृश्य देखने को मिले। अमेरिका विश्व भर में लोकतंत्र के लिए खड़ा रहता है। यह महत्वपूर्ण है कि सत्ता हस्तांतरण शांतिपूर्ण और तय प्रक्रिया के तहत उचित तरीके से हो।’’

अमेरिका के अन्य सहयोगी देशों ने भी इसे लोकतंत्र पर हमला बताया है। हालांकि, कुछ ने कहा है कि उन्हें भरोसा है कि अमेरिका की लोकतांत्रिक व्यवस्था इससे उबर आएगी। कुछ नेताओं ने निर्वतमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तीखी आलोचना की।

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने अमेरिका में हिंसा की घटनाओं को दुखद बताया। उन्होंने कहा, ‘‘वाशिंगटन में हंगामे और प्रदर्शन की घटनाएं व्यथित करने वाली हैं। ये चिंताजनक है।’’

अमेरिका में चीनी दूतावास ने भी अपने नागरिकों को हालात से सावधान किया है। चीन ने अमेरिका में अपने नागरिकों से सतर्क रहने को कहा है।

जर्मनी के विदेश मंत्री हीको मास ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘ट्रंप और उनके समर्थकों को अमेरिकी मतदाताओं का फैसला स्वीकार कर लेना चाहिए और लोकतंत्र पर हमला बंद करना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भड़काऊ बयानों से हिंसक कार्रवाइयां होती हैं। लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति तिरस्कार का खतरनाक परिणाम होता है।’’

नाइजीरिया के राष्ट्रपति के निजी सहायक बशीर अहमद ने ट्वीट किया, ‘‘लोकतंत्र की खूबसूरती?’’

नाइजीरिया में आजादी के बाद कई बार तख्तापलट हो चुके हैं। वहां कई दशक बाद लोकतांत्रित तरीके से मुहम्मदू बुहारी के नेतृत्व में सरकार बनी है।

चिली के राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिनेरा और कोलंबिया के राष्ट्रपति इवान ड्यूक उन लातीन अमेरिकी देशों के नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने प्रदर्शनकारियों की निंदा की। दोनों नेताओं ने भरोसा जताया कि अमेरिका में लोकतंत्र और कानून का शासन कायम रहेगा।

इटली में भी लोगों ने हिंसा की घटना पर हैरानी जतायी और कहा कि अमेरिका को हमेशा लोकतांत्रिक देश के मॉडल के तौर पर देखा जाता है। इटली के वामपंथी नेता (सेवानिवृत्त) पीरलुजी कास्ताजनेती ने ट्वीट किया, ‘‘यह ‘ट्रंपवाद’ का नतीजा है।’’

स्वीडन के पूर्व प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘यह देशद्रोह है।’’

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि उनका देश अमेरिका में कैपिटल परिसर में हुई हिंसा की घटना से ‘‘बहुत क्षुब्ध’’ है। कनाडा अमेरिका का करीबी सहयोगी देश रहा है।

यूरोपीय संसद के अध्यक्ष डेविड ससोली ने भी अमेरिका में हिंसा की घटना की निंदा की है।

एपी सुरभि शाहिद

शाहिद

शाहिद

Share This

Login

Welcome! Login in to your account

Remember me Lost your password?

Lost Password