वाशिंगटन, सात जनवरी (भाषा) अमेरिका में कैपिटल बिल्डिंग (US Capitol) में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के समर्थकों के हंगामे और हिंसा की दुनिया भर के नेताओं ने निंदा की है और इसे अप्रत्याशित, दुखद और खौफनाक बताया है।
यूएस कैपिटल में बुधवार को हजारों ट्रंप समर्थकों ने कैपिटल बिल्डिंग (Capitol Building) में घुसकर संसद के संयुक्त सत्र को बाधित करने की कोशिश की। संवैधानिक प्रक्रिया के तहत संयुक्त सत्र में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) की जीत की पुष्टि होनी थी।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने ट्वीट किया, ‘‘अमेरिकी संसद परिसर में अशोभनीय दृश्य देखने को मिले। अमेरिका विश्व भर में लोकतंत्र के लिए खड़ा रहता है। यह महत्वपूर्ण है कि सत्ता हस्तांतरण शांतिपूर्ण और तय प्रक्रिया के तहत उचित तरीके से हो।’’
Disgraceful scenes in U.S. Congress. The United States stands for democracy around the world and it is now vital that there should be a peaceful and orderly transfer of power.
— Boris Johnson (@BorisJohnson) January 6, 2021
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब (Dominic Raab) ने ट्वीट किया, ‘‘अमेरिका को अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्था पर गर्व होना चाहिए और सत्ता के उचित तरीके से हस्तांतरण में गैरकानूनी रूप से इस तरह की हिंसा को बिल्कुल उचित नहीं ठहराया जा सकता।’’
The US rightly takes great pride in its democracy, and there can be no justification for these violent attempts to frustrate the lawful and proper transition of power.
— Dominic Raab (@DominicRaab) January 6, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाशिंगटन में ट्रंप समर्थकों द्वारा किए गए दंगे और हिंसा की खबर पर चिंता जतायी है।
मोदी (Narendra Modi) ने ट्वीट किया, ‘‘वाशिंगटन डीसी में हिंसा और दंगे की खबरों से चिंतित हूं। सत्ता का सुव्यवस्थित और शांतिपूर्ण हस्तांतरण जारी रहना चाहिए। लोकतांत्रिक प्रक्रिया को गैरकानूनी प्रदर्शनों के जरिए बदलने की अनुमति नहीं दी जा सकती।’’
Distressed to see news about rioting and violence in Washington DC. Orderly and peaceful transfer of power must continue. The democratic process cannot be allowed to be subverted through unlawful protests.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 7, 2021
फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर वीडियो पोस्ट कर कहा, ‘‘हम लोकतंत्र पर सवाल उठाने वाले कुछ चंद लोगों को हिंसा की इजाजत नहीं दे सकते हैं। हम लोग लोकतंत्र में विश्वास करते हैं और वाशिंगटन में आज जो कुछ हुआ वह असल अमेरिका नहीं है।’’
We believe in democracy.#WeAreOne pic.twitter.com/dj3hs66KKn
— Emmanuel Macron (@EmmanuelMacron) January 7, 2021
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, ‘‘महासचिव वाशिंगटन डीसी के यूएस कैपिटल में हुई घटनाओं से दुखी हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में, यह महत्वपूर्ण है कि राजनीतिक नेता अपने समर्थकों को हिंसा से दूर रहने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया और कानून के शासन में विश्वास करने के लिए राजी करें।’’
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने कहा कि उनका देश अमेरिका में कैपिटल परिसर में हुई हिंसा की घटना से ‘‘बहुत क्षुब्ध’’ है। कनाडा अमेरिका का करीबी सहयोगी देश रहा है।
Canadians are deeply disturbed and saddened by the attack on democracy in the United States, our closest ally and neighbour. Violence will never succeed in overruling the will of the people. Democracy in the US must be upheld – and it will be.
— Justin Trudeau (@JustinTrudeau) January 6, 2021
जर्मनी के विदेश मंत्री हीको मास (Heiko Maas) ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘ट्रंप और उनके समर्थकों को अमेरिकी मतदाताओं का फैसला स्वीकार कर लेना चाहिए और लोकतंत्र पर हमला बंद करना चाहिए।’’
नाटो के प्रमुख जेंस स्टोलटेनबर्ग ने ट्वीट किया, ‘‘वाशिंगटन डीसी में स्तब्ध कर देने वाले दृश्य दिखे। लोकतांत्रिक प्रक्रिया से हुए चुनाव का निश्चित रूप से सम्मान होना चाहिए।’’
यूरोपीय संघ के विदेश नीति के प्रमुख ने जोसेफ बोरेल ने घटना की निंदा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘दुनिया की नजर में अमेरिका में लोकतंत्र आज असहाय प्रतीत हुआ। यह अमेरिका नहीं है। तीन नवंबर को हुए चुनाव के नतीजों का सम्मान होना चाहिए।’’
अमेरिका में चीनी दूतावास ने भी अपने नागरिकों को हालात से सावधान किया है। चीन ने अमेरिका में अपने नागरिकों से सतर्क रहने को कहा है।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन (Scott Morrison)ने अमेरिका में हिंसा की घटनाओं को दुखद बताया। उन्होंने कहा, ‘‘वाशिंगटन में हंगामे और प्रदर्शन की घटनाएं व्यथित करने वाली हैं। ये चिंताजनक है।’’
Very distressing scenes at the US Congress. We condemn these acts of violence and look forward to a peaceful transfer of Government to the newly elected administration in the great American democratic tradition.
— Scott Morrison (@ScoMo30) January 6, 2021
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेंसिंडा आर्डन (Jacinda Ardern) ने एक बयान में कहा कि ‘‘जो हो रहा है, वह गलत है।’’
Like so many others, I’ve been watching what’s happening in the United States. I share the sentiment of friends in the US – what is happening is wrong.
— Jacinda Ardern (@jacindaardern) January 7, 2021
उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र में लोगों के पास मतदान करने का, अपनी बात रखने और फिर उस फैसले को शांतिपूर्ण तरीके से मनवाने का अधिकार होता है। इसे भीड़ द्वारा उलटा नहीं जाना चाहिए।’’
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने अमेरिकी लोकतंत्र के केंद्र पर जिस तरह के अराजक दृश्य पैदा किए वे आम तौर पर उन देशों में देखे जाते हैं जहां लोक उभार से किसी तानाशाह का तख्तापलट होता है। अरब या चेकोस्लोवाकिया की क्रांति इसकी मिसाल हैं।
अमेरिका के अन्य सहयोगी देशों ने भी इसे लोकतंत्र पर हमला बताया है। हालांकि, कुछ ने कहा है कि उन्हें भरोसा है कि अमेरिका की लोकतांत्रिक व्यवस्था इससे उबर आएगी। कुछ नेताओं ने निर्वतमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तीखी आलोचना की।
उन्होंने कहा, ‘‘भड़काऊ बयानों से हिंसक कार्रवाइयां होती हैं। लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति तिरस्कार का खतरनाक परिणाम होता है।’’
नाइजीरिया के राष्ट्रपति के निजी सहायक बशीर अहमद ने ट्वीट किया, ‘‘लोकतंत्र की खूबसूरती?’’
नाइजीरिया में आजादी के बाद कई बार तख्तापलट हो चुके हैं। वहां कई दशक बाद लोकतांत्रिक तरीके से मुहम्मदू बुहारी के नेतृत्व में सरकार बनी है।
चिली के राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिनेरा और कोलंबिया के राष्ट्रपति इवान ड्यूक उन लातिन अमेरिकी देशों के नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने प्रदर्शनकारियों की निंदा की। दोनों नेताओं ने भरोसा जताया कि अमेरिका में लोकतंत्र और कानून का शासन कायम रहेगा।
इटली में भी लोगों ने हिंसा की घटना पर हैरानी जतायी और कहा कि अमेरिका को हमेशा लोकतांत्रिक देश के मॉडल के तौर पर देखा जाता है। इटली के वामपंथी नेता (सेवानिवृत्त) पीरलुजी कास्ताजनेती ने ट्वीट किया, ‘‘यह ‘ट्रंपवाद’ का नतीजा है।’’
स्वीडन के पूर्व प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘यह देशद्रोह है।’’
यूरोपीय संसद के अध्यक्ष डेविड ससोली ने भी अमेरिका में हिंसा की घटना की निंदा की है।
भाषा सुरभि नरेश
नरेश