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World Kidney Day 2025: किडनी की बीमारियों से बचाव के लिए जरूरी हैं ये गोल्डन रूल्स, जानें कैसे रखें अपनी किडनी को हेल्दी

World Kidney Day 2025: वर्तमान में बदलती जीवनशैली और खानपान के कारण किडनी की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। दुनियाभर में लगभग 80 करोड़ से अधिक लोग क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) से ग्रसित हैं, और भारत में भी स्थिति गंभीर है।

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Kushagra valuskar
World Kidney Day 2025: किडनी की बीमारियों से बचाव के लिए जरूरी हैं ये गोल्डन रूल्स, जानें कैसे रखें अपनी किडनी को हेल्दी

World Kidney Day 2025

World Kidney Day 2025: वर्तमान में बदलती जीवनशैली और खानपान के कारण किडनी की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। दुनियाभर में लगभग 80 करोड़ से अधिक लोग क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) से ग्रसित हैं, और भारत में भी स्थिति गंभीर है। हर 10 में से एक व्यक्ति CKD से प्रभावित होता है, लेकिन इसका कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखता, जिससे लोग इसका इलाज शुरू नहीं करते और किडनी का नुकसान गंभीर हो जाता है।

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किडनी की बीमारी का सबसे बड़ा कारण डायबिटीज और हाइपरटेंशन (हाई ब्लड प्रेशर) हैं। इसके अलावा, मोटापा भी किडनी की बीमारियों का एक प्रमुख कारण बनता जा रहा है, क्योंकि मोटापे के साथ ही डायबिटीज, हाइपरटेंशन और दिल की बीमारियाँ बढ़ती हैं, जो आगे चलकर किडनी पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

किडनी के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए समय रहते जागरूक होना जरुरी है जिस पर विशेष जानकारी दे रहे हैं इंदौर स्थित कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्पताल के डॉ. असद रियाज, कन्सल्टेन्ट, नेफ्रोलॉजी एंड किडनी ट्रांसप्लांट और कुछ आवश्यक कदम उठाना बेहद जरूरी है।

क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) के प्रमुख कारण

  • डायबिटीज – उच्च रक्त शर्करा किडनी पर दबाव डालती है, जिससे किडनी के कार्य में कमी आ सकती है।
  • हाइपरटेंशन – उच्च रक्तचाप किडनी की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुँचाता है, जिससे किडनी की कार्यक्षमता में गिरावट आती है।
  • मोटापा – मोटापा डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, और दिल की बीमारियों का कारण बनता है, जो किडनी को प्रभावित करता है।
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[caption id="attachment_775707" align="alignnone" width="749"]डॉ. असद रियाज डॉ. असद रियाज[/caption]

किडनी की बीमारी के लक्षण

किडनी की बीमारी के लक्षण अक्सर देर से दिखाई देते हैं। शुरुआती अवस्था में यूरिन में प्रोटीन का रिसाव,साथ ही क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ना किडनी की कार्यक्षमता में गिरावट का संकेत है।

क्रिएटिनिन का मामूली बढ़ना भी किडनी के गंभीर रोग का संकेत हो सकता है। शरीर में सूजन, थकान, जी मिचलाना, भूख में कमी आदि लक्षण देर से नजर आते हैं और ये लक्षण भी अन्य बीमारियो जैसे होते है ।

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[caption id="attachment_775708" align="alignnone" width="723"]publive-image फोटो-एआई।[/caption]

किडनी के स्वास्थ्य के लिए गोल्डन रूल्स

  • उचित आहार लें – संतुलित आहार, जिसमें फल, सब्जियां, अनाज, और पर्याप्त प्रोटीन शामिल हो, किडनी के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
  • सही मात्रा में पानी पिएं – किडनी की सही कार्यप्रणाली के लिए पानी की पर्याप्त मात्रा का सेवन आवश्यक है।
  • नियमित व्यायाम करें – शारीरिक गतिविधियों से शरीर में रक्त संचार बढ़ता है, जिससे किडनी के कार्य में सुधार होता है।
  • शुगर और बीपी नियंत्रण में रखें – डायबिटीज और उच्च रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित करना किडनी की रक्षा करता है।
  • धूम्रपान से बचें – तम्बाकू और धूम्रपान किडनी पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं, जिससे उसकी कार्यप्रणाली में गिरावट आती है।
  • वजन नियंत्रित रखें – मोटापा किडनी की बीमारियों का प्रमुख कारणो मे एक है। यदि आप मोटे हैं तो वजन घटाने पर ध्यान दें।
  • दर्द निवारक गोलियां डॉक्टर की सलाह से लें – दर्द निवारक गोलियां किडनी पर अतिरिक्त दबाव डाल सकती हैं, इसलिए इन्हें बिना डॉक्टर की सलाह के न लें।
  • नियमित जांच कराएं – किडनी के स्वास्थ्य की स्थिति को जानने के लिए नियमित रूप से क्रिएटिनिन, यूरिन में प्रोटीन आदि की जांच कराएं।

क्रोनिक किडनी डिजीज एक गंभीर समस्या बनती जा रही है, जो प्रारंभ में कोई लक्षण नहीं दिखाती, लेकिन समय रहते इलाज न कराने पर यह किडनी के कार्य को स्थायी रूप से प्रभावित कर सकती है। किडनी की सुरक्षा के लिए स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और शुगर एवं बीपी नियंत्रण में रखने जैसे उपायों को अपनाना बेहद महत्वपूर्ण है।

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इसके अलावा अपना रुटीन चेकअप भी करवाते रहना चाहिए जिसके लिए ऐसे अस्पताल को चुनें जहां चौबीस घंटे विशेषज्ञों की सुविधा दी गई हो ताकि कोई भी समस्या आने पर तुरंत ही इलाज मिल सके। यदि आप इन उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं, तो किडनी की बीमारियों से बचाव संभव है।

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