नई दिल्ली। बदलती लाइफ स्टाइल World Infertility Day 4th June में लोगों को सुकून के कम टेंशन litestyle news ज्यादा दी है। नतीजा health news ये है कि ये तनाव और टेंशन bansal news हर तरह से लोगों के स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल रही है। इसी में से एक है इंफर्टिलिटी। आज यानि 4 जून को विश्व इंफर्टिलिटी डे है। इस मौके पर चलिए आज हम आपको बताते हैं कि विशेषज्ञ के अनुसार मिसकैरिएज के क्या—क्या कारण हो सकते हैं। इस संबंध में जानते हैं बंसल न्यूज की कंसलटेंट गायनेकोलॉजिस्ट डॉ दीप्ति गुप्ता से।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ —
आपको बता दें जब भी किसी महिला का मिसकैरेज होता है तो ऐसे में कपल्स फर्टीलिटी को लेकर लेंशन में आ जाते हैं। इसके बाद महिलाओं की सोच हो जाती है कि वो कभी मातृत्व सुख नहीं ले पाएंगी। साथ ही फर्टीलिटी बढ़ाने को लेकर टिप्स खोजने लगती हैं तो चलिए हम भी आपसे साझा करते हैं डॉ गुप्ता द्वारा सुझाए गए टिप्स।
तनाव होता है इसका कारण —
- डॉ दीप्ती के अनुसार चिंता और तनाव से समस्या और बढ़ सकती है। क्योंकि यह हार्मोन और ओवुलेशन को प्रभावित करता है। हाई स्ट्रेस लेवल के कारण ओवुलेशन बंद हो सकता है या अनियमित भी हो सकता है।
- शराब का सेवन, धूम्रपान,स्वयं से किसी भी दवा का सेवन बंद करें।
- अधिक कैफीन का सेवन करने से आपके गर्भधारण की संभावना प्रभावित होती है।चाय ,कॉफी से बचें।
- संतुलित आहार लें जिसमें बहुत सारी हरी सब्जियां,फल, प्रोटीन, विटामिन और आयरन शामिल हों ताकि आपके दोबारा गर्भवती होने की संभावना में सुधार हो सके।
- गर्भपात के बाद अपने डॉक्टर से विस्तार से चर्चा करने में संकोच न करें। फर्टिलिटी क्षमता बढ़ाने वाली दवाओं या उपचारों का सुझाव अवश्य लें।
- ओवुलेशन प्रेडिक्टर किट का उपयोग करना एक समझदारी भरा कदम होता है जिससे यह पता चलता है किएक महिला कब सबसे अधिक फर्टाइल होती है।
- ओपीके ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन के स्तर में वृद्धि को डिटेक्ट कर सकती हैं। एलएच बढ़ने के ठीक बाद, आप अपनी कंसीव की संभावना को बढ़ जाती है।
- गर्भपात के पश्चात पुनः गर्भधारण करने की कोशिश करने से पहले मानसिक तैयारी जरूरी है।हड़बड़ी न दिखाएं।
- मिसकैरेज के बाद फर्टिलिटी क्षमता की में कमी नहीं आती है। आप हमेशा अपनी विशेषज्ञ से सलाह ले सकती हैं।
- प्राकृतिक गर्भाधान सर्वश्रेष्ठ गर्भाधान है। अपने रिप्रोडक्टिव हेल्थ का ख्याल रखें।
(डॉ दीप्ति गुप्ता, वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं और हाई रिस्क प्रेगनेंसी मामलों की जानकार हैं, वर्तमान में बंसल अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रही हैं)