World Heart Day : दिल की बीमारी यानी मौत का आमंत्रण, जी हां आजकल दुनियाभर में दिल की बीमारी के मामले तेजी से सामने आने लगे है। खास तौर पर आजकल युवा वर्ग को सबसे ज्यादा दिल की बीमारियां हो रही है। लेकिन क्या आपको पता है कि दिल में भी शॉट सर्किट होता है। जी हां यह बात शायद ही कम लोगों को पता है। दिल में शॉर्ट सर्किट होने से ही तेज झटका लगता है और हार्ट फैल होने के चलते इंसान की मौत हो जाती है। चिकित्सा की भाषा में इसे पीएसवीटरी या पैरोसाइमल सुपरा वेन्टीकुलर टेकीकार्डिया कहा जाता है।
आज विश्व हृदय दिवस (World Heart Day) है। इस मौके पर हम आपको एक विशेष जानकारी से रूबारू करा रहे है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल शहर का पहला ऐसा अस्पताल हैं जहां कार्डियक इलेक्ट्रो फिजियोलॉजी तकनीक से इस बीमारी का इलाज किया जा रहा है। बीते शनिवार को हमीदिया में पहली बार इस बीमारी का ऑपरेशन किया गया। हमीदिया अस्पताल के डाक्टरों के अनुसार दिल को धड़कने के लिए ऊर्जा की जरूरत होती। जो यह दिल के आसपास बने बुने तारों के माध्यम से आती है। और इस ऊर्जा को हम आसान भाषा में करंट कहते है।
हमीदिया अस्पताल में हुए ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों के अनुसार चारों मरीजों को धड़कन असामान्य होने की दिक्कत थी। सभी मरीजों का ऑपरेशन सुबह 11 बजे से 5 शाम पांच बजे तक किया। फिलहाल सभी मरीज स्वस्थ्य है और जल्द ही डिस्चार्ज कर दिए जाएंगे। डॉक्टरों के अनुसार एक सामान्य व्यक्ति का दिल एक मिनट में 60-100 बार धड़कता है, लेकिन जब व्यक्ति इस बीमारी का शिकार होता है तो उसकी हार्ट बीट 180-250 प्रति मिनट तक पहुंच जाती है। ऐसे समय में तुरंत इलाज नहीं मिले तो मरीज की मौत हो जाती है।
ऐसे होता है इलाज और लक्षण
इस बीमारी के इलाज में इलेक्ट्रो फिजियोलॉजी स्टडी एंड रेडियो फ्रिक्वेंसी एब्लेशन विधि से उपचार किया जाता है। इसमें पैर के रास्ते से तीन तार दिल तक पहुंचाए जाते हैं। इसके बाद दिल के अंदर हुए शॉर्ट सर्किट का पता लगाया जाता है। पता चलने पर फिर चौथा तार दिल तक पहुंचाया जाता है और इलेक्ट्रोड के जरिए उस भाग को जला दिया जाता है, जिसके जरिए शॉर्ट सर्किट हुआ। लक्षण की बात करते तो ऐसे मरीजों की अचानक सांस फूलने लगती है, उन्हें चक्कर आना शुरू हो जाते है, तेज पसीना आना, सीने में दर्द और घबराहट इस बीमारी के लक्षण हैं। बता दें कि ऑपरेशन को प्रो. बीएस यादव, प्रो. राजीव गुप्ता, प्रो. अजय शर्मा, डॉ. आरके सिंह के साथ उनकी टीम ने किया।