World Health Day 2025: आज के समय में जहां मोटापे की समस्या बड़ों तक ही सीमित नहीं रही, वहीं छोटे बच्चों में भी यह चिंता का विषय बनती जा रही है। कई अध्ययनों के अनुसार, अधिक वजन वाले बच्चों में आगे चलकर मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर और अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इस समस्या को रोकने के लिए अभिभावकों की भूमिका सबसे अहम होती है।
World Health Day 2025: छोटे बच्चों में वजन को ऐसे करें मेंटेन
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की एक रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने शिशुओं और छोटे बच्चों के वजन को स्वस्थ सीमा में बनाए रखने के छह आसान और असरदार उपाय बताए हैं। आइए जानते हैं वे कौन-सी आदतें हैं जिन्हें अपनाकर माता-पिता अपने बच्चों को एक बेहतर और स्वस्थ भविष्य दे सकते हैं।
स्तनपान को प्राथमिकता दें
शोध से पता चला है कि जिन बच्चों को शुरुआती छह महीनों तक स्तनपान कराया जाता है, उनमें बाद में मोटापे की संभावना कम होती है। मां का दूध न केवल संपूर्ण पोषण देता है, बल्कि बच्चे की भूख और प्यास के प्रति प्राकृतिक प्रतिक्रिया को भी संतुलित करता है।
भूख पर ध्यान देना सीखें, समय नहीं
बच्चों को सिर्फ समय पर नहीं, बल्कि उनकी भूख को समझ कर खिलाना चाहिए। यदि बच्चा संकेत दे रहा है कि वह भूखा नहीं है – जैसे मुंह फेर लेना या बोतल/चम्मच को धक्का देना – तो उसे ज़बरदस्ती न खिलाएं।
मीठे पेयों से करें परहेज
फल जूस, सोडा या मीठे पेय पदार्थों से बच्चों को दूर रखें। इनमें मौजूद शुगर बच्चे के वजन को अनियंत्रित रूप से बढ़ा सकती है। बेहतर है कि प्यास लगने पर उन्हें सिर्फ पानी दिया जाए और फलों को साबुत खिलाया जाए।
ठोस आहार सोच-समझकर शुरू करें
छह महीने के बाद जब बच्चे को ठोस आहार देना शुरू किया जाए, तो उसमें फलों, सब्जियों और साबुत अनाज को प्राथमिकता दें। मीठे या तले हुए खाद्य पदार्थों से दूरी बनाए रखें।
बच्चों को स्क्रीन से दूर रखें
टीवी, मोबाइल या टैबलेट जैसी स्क्रीन पर समय बिताना न केवल बच्चे की नींद और विकास पर असर डालता है, बल्कि उनकी शारीरिक गतिविधियों को भी सीमित करता है। दो साल से कम उम्र के बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम पूरी तरह से टालना चाहिए।
फिजिकल एक्टिविटी को दें बढ़ावा
भले ही बच्चे छोटे हों, लेकिन उन्हें खेलने, रेंगने और इधर-उधर घूमने के लिए प्रोत्साहित करें। सक्रिय रहना उनकी मांसपेशियों के विकास और ऊर्जा संतुलन के लिए जरूरी है।