दुनिया में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच रूस ने अपनी वैक्सीन को आम जनता के लिए जारी कर दिया है। रूस ने कुछ महीने पहले ही दावा किया था कि उसने कोरोना वैक्सीन बना ली है. लेकिन अभी भी दुनिया के कई देश इसे लेकर एकमत नहीं हैं। इसके बाद भी रूस ने वैक्सीन की पहली बैच को आम नागरिकों के लिए जारी कर दिया है।
रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इस रूसी वैक्सीन ने सभी गुणवत्ता जांच को पार कर लिया है और अब इसे आम नागरिकों को लगाने के लिए जारी कर दिया गया है। रूसी वैक्सीन का इसी सप्ताह तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल शुरू होने जा रहा है।
रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, “नए कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम के लिए स्पूतनिक (Sputnik V) वैक्सीन के पहले बैच ने चिकित्सा उपकरण नियामक के जरूरी क्वालिटी टेस्ट को पास कर लिया है और पहले बैच को सिविल सर्कुलेशन में जारी कर दिया गया है. इस वैक्सीन का नाम रूस की पहली सैटेलाइट स्पूतनिक से मिला है।
भारत को भी फायदा
इसके साथ ही रूस की कोरोना वायरस वैक्सीन स्पूतनिक वी के अंतिम फेज का क्लिनिकल ट्रायल इस महीने से भारत में शुरू होगा। वैक्सीन बनाने के लिए फंड मुहैया कराने वाली एजेंसी रशियन डॉयरेक्ट इनवेस्ट फंड के सीईओ किरिल दिमित्रिज ने कहा कि इस वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल भारत समेत यूएई, सऊदी अरब, फिलीपींस और ब्राजील में इस महीने से शुरू हो जाएगा।
11 अगस्त को हुई थी लांच
उन्होंने यह भी बताया कि वैक्सीन के तीसरे फेज के क्लिनिकल ट्रायल का प्राइमरी रिजल्ट अक्टूबर-नवंबर में जारी कर दिया जाएगा। इस कोरोना वैक्सीन को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 11 अगस्त को लॉन्च किया था। इस वैक्सीन को मॉस्को के गामलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट ने रूसी रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर एडेनोवायरस को बेस बनाकर तैयार किया है।
रूस की कोरोना वैक्सीन का अध्ययन कर रहा भारत
भारत रूस की कोरोना वैक्सीन की का गंभीरता से अध्ययन कर रहा है। भारत में रूस से राजदूत निकोलाई कुदाशेव ने कहा कि रूस विभिन्न स्तर पर वक्सीन को लेकर भारत के संपर्क में है। सूत्रों का कहना है कि रूस ने भारत के साथ वैक्सीन को लेकर सहयोग के तरीके साझा किए हैं। फिलहाल भारत इस वैक्सीन के इस्तेमाल को लेकर अध्ययन कर रहा है।