नई दिल्ली। कोरोना महामारी से पिछले दो साल से लोग परेशान हैं। पूरी दुनिया में इसके संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। भारत में कोरोना की दूसरी लहर से त्राहिमाम मचा हुआ है। इस महामारी ने बहुत कुछ खत्म कर दिया है, लेकिन कई नई चीजें भी शुरू हुई हैं। दुनिया में करोड़ों लोग आज घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) कर रहे हैं। इस वर्क फ्रॉम होम की सुविधा से कंपनियों को काफी मुनाफा हो रहा है।
वर्क फ्रॉम होम से कंपनियों के होने वाले मुनाफे का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि पिछले एक साल में वर्क फ्रॉम होम की वजह से गूगल को 268 बिलियन डॉलर यानी करीब 1,980 करोड़ रुपये की बचत हुई है। गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट ने कहा है कि पहली तिमाही में प्रमोशन, ट्रैवल और एंटरटेनमेंट पर करीब 1,980 करोड़ रुपये और साल भर में 7,400 करोड़ रुपये की बचत हुई है।
इससे पहले भी गूगल ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 2020 में विज्ञापन और प्रमोशनल खर्चों में 140 करोड़ डॉलर यानी करीब 10,360 करोड़ रुपये की कमी आई है। इसकी बड़ी वजह महामारी रही। इसके अलावा अधिकतर इवेंट वर्चुअल तौर पर हुए जिससे पैसों की बचत हुई। ट्रैवल और एंटरटेनमेंट पर होने वाले खर्च में 2,740 करोड़ रुपये की कमी आई।
रेवेन्यू में 34 फीसदी का इजाफा
कोरोना महामारी के कारण जहां अधिकतर लोगों को नुकसान हुआ है, वहीं गूगल के रेवेन्यू में 34 फीसदी का इजाफा हुआ है। फिलहाल गूगल में तो वर्क फ्रॉम होम ही चल रहा है लेकिन इस साल के अंत तक कर्मचारियों को दोबारा ऑफिस बुलाने की प्लानिंग भी है।
गूगल कर्मचारियों की देखभाल और सुविधाओं जैसे मसाज टेबल, कैटरेड कूजिन्स और कॉर्पोरेट रिट्रीट पर काफी खर्च करता है लेकिन वर्क फ्रॉम होम के दौरान ये भत्ते नहीं दिए जा रहे हैं जिससे कंपनी की काफी बचत हो रही है।