भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने राष्ट्रपति को महिलाओं को रात की शिफ्ट में काम करने की अनुमति के लिए अध्यादेश प्रस्ताव तैयार किया था। लेकिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसे मंजूर नहीं किया और मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार को इस अध्यादेश को वापस कर दिया। प्रदेश की कई बड़ी कंपनियां रात की शिफ्ट में काम करने संबंधी राज्य सरकार का आदेश अब लागू नहीं हो पाएगा।
रात की शिफ्ट में काम करना जरुरी नहीं होगा
राज्य सरकार ने कारखाना अधिनियम के तहत महिलाओं को रात की शिफ्ट में काम कनरे की अनुमति अनिवार्य प्रस्ताव तैयार किया था। लेकिन इस अध्यादेश को राष्ट्रपति ने मंजूरी नहीं दी, जिसके बाद राज्य सरकार ने अब अध्यादेश की आपत्तियों को हटाकर नई अधिसूचना जारी कर दी है। वहीं अब नए नियमों के तह महिलाओं को रात की शिफ्ट में काम करना जरुरी नहीं होगा।
अध्यादेश में यह था प्रावधान
1. पहले 20 वर्कर पर लाइसेंस लेना पड़ता था, अब उसे खत्म करते हुए 200 वर्कर पर ही लाइसेंस जरूरी होगा।
2. 300 से कम वर्कर पर कारखाना बंद करने की परमिशन लेना जरूरी नहीं होगा।
3. कर्मचारी शिफ्ट में 8 घंटे काम कर सकेंगे।
4. महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति दी गई थी, जो कि पहले प्रतिबंधित थी।
5. कारखाना मालिक स्वयं दस्तावेजों का सत्यापन कर सकता है।
6. जो रिटर्न जमा करेगा उसमें से पांच फीसदी की जांच होगी।