Heart Attack Risk Factors: माना जाता है कि महिलाओं में विशेषकर युवतियों में हार्ट अटैक के मामले पुरुषों की तुलना में कम होते हैं। हाल ही में मध्य प्रदेश के विदिशा में एक दुखद घटना हुई। दरअसल यहां एक शादी समारोह के दौरान 23 वर्षीय युवती स्टेज पर डांस कर रही थी, जब अचानक वह मुंह के बल गिर गई।
उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना के बाद से युवतियों में हार्ट अटैक के मामलों को लेकर चिंता बढ़ गई है। आखिर क्यों युवा महिलाएं हार्ट अटैक का शिकार हो रही हैं? आइए, इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
क्या है घटना
विदिशा में एक शादी समारोह के दौरान 23 वर्षीय युवती अपनी बहन की शादी में डांस कर रही थी। अचानक वह स्टेज पर गिर पड़ी और उसकी मौत हो गई।
प्रारंभिक जांच में हार्ट अटैक को मौत का कारण बताया गया है। यह घटना न केवल दुखद है, बल्कि यह युवतियों में बढ़ती हृदय संबंधी समस्याओं की ओर भी इशारा करती है।
कारण और जोखिम
पहले हार्ट अटैक को बुर्जुगों की बीमारी माना जाता था, लेकिन अब यह समस्या युवाओं में तेजी से बढ़ रही है। इसके पीछे कुछ प्रमुख कारण हैं:
- तनाव और मानसिक दबाव: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में युवतियां पढ़ाई, करियर और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच तनाव का सामना कर रही हैं। यह तनाव हृदय रोगों को जन्म दे सकता है।
- अनहेल्दी लाइफस्टाइल: फास्ट फूड, धूम्रपान, शराब का सेवन और शारीरिक गतिविधियों की कमी युवतियों में हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ा रही है।
- हार्मोनल बदलाव: पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) और थायराइड जैसी समस्याएं युवतियों में हृदय रोगों का खतरा बढ़ा सकती हैं।
- आनुवांशिक कारण: अगर परिवार में हृदय रोगों का इतिहास है, तो युवतियों को भी इसका खतरा हो सकता है।
- मोटापा और डायबिटीज: मोटापा और डायबिटीज जैसी बीमारियां युवाओं में हार्ट अटैक के प्रमुख कारणों में से एक हैं।
- हार्ट अटैक के लक्षण
हार्ट अटैक के लक्षण
हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों और महिलाओं में अलग-अलग हो सकते हैं। युवतियों में निम्नलिखित लक्षण दिखाई देने पर सतर्क हो जाना चाहिए:
- सीने में दर्द या भारीपन
- सांस लेने में तकलीफ
- पसीना आना और चक्कर आना
- बाएं हाथ, गर्दन या जबड़े में दर्द
- थकान और कमजोरी
बचाव के तरीके
- हेल्दी डाइट: ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त आहार लें। फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड से बचें।
- नियमित व्यायाम: रोजाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें। योग और मेडिटेशन से तनाव कम करें।
- धूम्रपान और शराब से दूरी: धूम्रपान और शराब का सेवन हृदय रोगों का प्रमुख कारण है।
- नियमित चेकअप: 30 साल की उम्र के बाद नियमित रूप से हृदय की जांच करवाएं।
- तनाव प्रबंधन: तनाव को कम करने के लिए पर्याप्त नींद लें और मनोरंजन के लिए समय निकालें।
महिलाओं में हार्ट अटैक कम होने के कारण:
एस्ट्रोजेन हार्मोन की सुरक्षा
- युवतियों में एस्ट्रोजेन हार्मोन का स्तर अधिक होता है, जो हृदय और रक्त वाहिकाओं की सुरक्षा करता है।
- यह खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाता है, जिससे हृदय रोग का जोखिम घटता है।
ब्लड प्रेशर नियंत्रण
- महिलाओं में प्राकृतिक रूप से ब्लड प्रेशर नियंत्रण बेहतर होता है, जिससे हार्ट अटैक की संभावना कम रहती है।
धूम्रपान
- पुरुषों की तुलना में महिलाएं कम धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन करती हैं, जो हृदय रोग के प्रमुख कारणों में से एक हैं।
हेल्दी लाइफस्टाइल
- महिलाएं अपनी फिटनेस और आहार को लेकर अधिक सजग रहती हैं, जिससे मोटापा और अन्य हृदय संबंधी समस्याएं कम होती हैं।
बढ़ती उम्र के साथ खतरा क्यों बढ़ता है?
- मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजेन का स्तर गिरने लगता है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
- ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज जैसी समस्याएं बढ़ने से महिलाओं में भी हार्ट अटैक का जोखिम अधिक हो जाता है।
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