Chhattisgarh Court News: छत्तीसगढ़ में न्यायालयों में पेश होने वाले गवाहों के खुराक भत्ते में राज्य सरकार ने वृद्धि की है। अब गवाहों को पहले के 100 रुपए के बजाय 300 रुपए भत्ता मिलेगा, जो सीधे उनके बैंक खातों में जमा किया जाएगा। लंबे समय से इस भत्ते की दर में बदलाव नहीं हुआ था। गवाहों को न्यायालय में विशेष मेहमान का दर्जा दिया गया है। इस संबंध में राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी भी कर दी है।
पुराने अधिनियम में 100 रुपए का प्रावधान
न्यायालयों में बयान दर्ज कराने आने वाले गवाहों को किराया और जलपान भत्ता देने का प्रावधान है, लेकिन अब तक यह भत्ता बहुत कम था। पुराने अधिनियम के तहत इसे मात्र 100 रुपए निर्धारित किया गया था और इसमें वर्षों से कोई संशोधन नहीं किया गया।
बिलासपुर के अज्ञेय नगर में रहने वाले सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेन्द्र तिवारी ने इस विषय में विधि एवं विधायी विभाग को 1 फरवरी 2024 को पत्र लिखकर इस मुद्दे को उठाया।
उप मुख्यमंत्री को भेजा पत्र (Chhattisgarh Court News)
सुरेन्द्र तिवारी ने अपने पत्र की एक प्रति उप मुख्यमंत्री अरुण साव को भी भेजी थी, जिसके बाद विधि विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया और इसे कार्रवाई के लिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट को भेजा।
इसके परिणामस्वरूप, 27 सितंबर 2024 को गवाहों के खुराक भत्ते को 100 रुपए से बढ़ाकर 300 रुपए करने की अधिसूचना जारी की गई। यह संशोधित व्यवस्था 26 सितंबर से पूरे प्रदेश में लागू कर दी गई है।
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भत्ते के लिए भरना पड़ता प्रार्थना पत्र
जिला कोर्ट में हर दिन सैकड़ों लोग गवाही देने के लिए आते हैं, लेकिन इनमें से अधिकतर गवाह खुराक भत्ते के बारे में जानकारी नहीं रखते। कुछ गवाह ऐसे भी हैं जो जानकारी होने के बावजूद भत्ता लेने में रुचि नहीं दिखाते, क्योंकि इसके लिए उन्हें प्रार्थना पत्र भरना पड़ता है। स्वीकृति मिलने के बाद ही कोर्ट द्वारा उन्हें यह भत्ता प्रदान किया जाता है।
इसलिए बढ़ेंगे रुपए (Chhattisgarh Court News)
न्यूनतम मजदूरी अधिनियम का हवाला देते हुए यह तर्क दिया गया कि अदालत में पेश होने पर अभियोजन गवाह को दिए जाने वाले 100 रुपए का खुराक भत्ता अकुशल कृषि मजदूर की दैनिक मजदूरी (Chhattisgarh Court News) से भी कम है, जो कि न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के तहत निर्धारित है। इसी असमानता को दूर करने के लिए उन्होंने खुराक भत्ते की दर में बढ़ोतरी की मांग की थी।