Black Fungus: कुछ ही दिनों में प्रदेश में पांच सौ के करीब हो गई ब्लैक फंगस मरीजों की संख्या, इंदौर में सबसे ज्यादा मरीज…

भोपाल। प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर अभी थमी नहीं थी कि ब्लैक फंगस का खतरा भी मंडराने लगा है। रोजाना इसके मरीज बढ़ते जा रहे हैं। देखते ही देखते प्रदेश में ब्लैक फंगस के 421 मरीज सामने आ चुके हैं। ये सभी मरीज प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में अपना इलाज करा रहे हैं। वहीं ब्लैक फंगस को रोकने वाली दवाओं का भी बाजार में संकट बना हुआ है। अब इस मामले में राज्य मानव अधिकार आयोग ने भी सरकार से 10 दिनों रिपोर्ट मांगी है। प्रदेश में वर्तमान में ब्लैक फंगस के 421 मरीज विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं।
इंदौर में 124, भोपाल में 115, जबलपुर में 55, बड़वानी में 50, ग्वालियर में 26, उज्जैन में 18 मरीज भर्ती हैं। ब्लैक फंगस एक फंगल डिजीज है। जो म्यूकॉरमाइटिसीस नाम के फंगाइल से होता है। ये ज्यादातर उन लोगों को होता है जिन्हें पहले से कोई बीमारी हो या वो ऐसी मेडिसिन ले रहे हों जो बॉडी की इम्युनिटी को कम करती हों। ब्लैक फंगस शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है।
आंखों में दिख रहे ज्यादातर मामले…
लेकिन ज्यादातर मामले आंखों में देखे जा रहे हैं। ब्लैक फंगस ज्यादातर मामलों में सांस के जरिए वातावरण से हमारे शरीर में पहुंचता है। अगर आपके शरीर में कही घाव है तो यह सबसे पहले वहां हमला करता है और इंफेक्शन को पूरे शरीर में भी फैला सकता है। ज्यादातर मामलों में इससे आंखो की रोशनी चली जा रही है।
लेकिन ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ आंखों पर ही हमला करता है। यह आपके शरीर के किसी भी हिस्से में फैल सकता है और शरीर के उस हिस्से को सड़ा सकता है। हालांकि अच्छी बात ये है कि यह एक रेयर इंफेक्शन है। इस कारण से ज्यादातर लोग इसके चपेट में नहीं आते। ये फंगस वातावरण में कही भी हो सकता है। खासतौर पर इसे जमीन और सड़ने वाले ऑर्गेनिक मैटर्स में पनपते हुए देखा गया है। सड़ी हुई लकड़ियों और कम्पोस्ट खाद में ये सबसे ज्यादा पाया जाता है।