नई दिल्ली। अभी देश की राजधानी कई राज्यों में तेज हवाओं के साथ बारिश की स्थित बनी हुई है। मौसम विभाग पहले ही इस सप्ताह के वेदर बुलेटन में चेतावनी दे चुका था कि इस सप्ताह उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड समेत कई राज्यों के कुछ जिलों में तेज हवाएं चलेंगी। मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार ही काफी तेज हवाएं भी चली । इस दौरान हवा की रफ्तार 40 किमी प्रतिघंटा या इससे अधिक रही। इस दौरान तेज हवाओं के साथ कई जगह बारिश भी देखने को मिली। तेज हवाओं और बारिश के बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई में सुधार की उम्मीद है। बारिश के बाद मौसम में भी अब ठंडक देखने को मिल रही है।
हवा की ताकत दो तरीके से नापी जाती है
क्या आप जानते है कि हवाओं की ताकत को कैसे मापा जाता है और कुछ हवाएं दूसरों से ज्यादा खतरनाक होती है। आज हम हमको बताने वाले है की हवाओं की ताकत को कैसे मापा जाता है। आइए जानते है कि कुछ हवाएं दूसरों के मुकाबले ज्यादा खतरनाक कैसे हो जाती है। दरअसल, हवा को खतरनाक बनाने में तीन चीजों की प्रमुख रहती है। ये तीन चीज है की शक्ति, उसकी अवधि और दिशा । इन तीनों चीजों के आधार पर अनुमान लगाया जाता है। हवा की सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाली विशेषता इसकी ताकत होती है। हवा की ताकत दो तरीके से नापी जाती है।
इसमें पहला है औसत या औसत हवा की गति = 10 मिनट की अवधि में औसत हवा की गति और दूसरा है हवा के झोंके = एक छोटी अवधि के लिए हवा में अचानक वृद्धि, आमतौर पर कुछ सेकंड।
90 किमी/घंटा की हवा क्या करेगी
एक सामान्य नियम है कि हवा के झोंके आमतौर पर खुले पानी के ऊपर हवा की औसत गति से लगभग 40 प्रतिशत ज्यादा मजबूत होते हैं। अगर इस स्तर तक हवाएं चलने का अनुमान मौसम विभाग को लग जाता है तो इसके लिए चेतावनी जारी की जाती है। यह पहला स्तर होता है जब चेतावनी जारी होती है। जब 90किमी/घंटा या उससे अधिक रफ्तार की हवा के झोंके आने के आसार होते हैं तो मौसम विभाग की ओर से खतरनाक हवाएं चलने की चेतावनी जारी की जाती है। हवा के 88-102 किमी/घंटा की रफ्तार पर पहुंचने पर पेड़ जड़ से उखड़ना शुरू हो जाते हैं। इतना ही नहीं, इतनी तेज गति की हवाएं इमारतों को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं।
125 किमी/घंटा की हवा क्या करेगी
वहीं, जब हवा के झोंकों की रफ्तार 125 किमी/घंटा या उससे अधिक तक पहुंचने का अंदेशा रहता है तो विनाशकारी हवाओं का अलर्ट जारी इससे निपटने के लिए तैयारी भी की जाती है। 103-117 किमी रफ्तार की हवाएं बहुत ही कम देखने को मिलती है। ऐसी हवाएं भारी तबाही के साथ तूफ़ान लती है। इन हवाओं के कारण पेड़ों, घरों, इमारतों के साथ ही हवाईअड्डों, दूरसंचार से जुड़ी इमारतों, पुलों और सड़कों तक को भारी नुकसान पहुंचता है। ये हवाएं बहुत शक्तिशाली होती हैं और रास्ते में आने वाली हर चीज को उड़ा ले जाने की क्षमता रखती हैं। ऐसी स्थिति अलर्ट के साथ – साथ बहार न निकलने की चेतावनी दे दी जाती है।