सप्ताह में अब 4 दिन ही करना होगा काम, जानिए इस पर केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने क्या कहा?

नई दिल्ली। लोग इन दिनों सप्ताह में 4 दिन काम और 3 दिन छुट्टी की बात कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि सरकार एक नई व्यवस्था को लागू करने की योजना बना रही है। साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि अगर सरकार ये नियम लागू कर देती है तो फिर चार दिन काम करने पर कंपनियां अपने कर्मचारियों से ज्यादा घंटे काम भी ले सकती है। लेकिन इस पूरे मामले पर केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने क्या कहा। ये आपको जरूर पढ़ना चाहिए।
लिखित जवाब देते हुए श्रम मंत्री ने क्या कहा
केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने एक सवाल पर लोकसभा में लिखित जवाब देते हुए कहा कि सरकार ऐसी कोई भी योजना लेकर नहीं आ रही है। जिसके तहत सप्ताह में चार दिन या 40 घंटे काम की व्यवस्था की गई हो। बतादें कि चौथे वेतन आयोग की सिफारिश के आधार पर वीक में पांच दिन और ऑफिसों में हर दिन साढ़े 8 घंटे काम किया जाता है। जिसे सरकार सातवें वेतन आयोग में भी आगे बनाए रखेगी।
लेबर कोड लेकर आई है सरकार
हालांकि केंद्र सरकार चार लेबर कोड जरूर लेकर आई है। जिसे लागू होने के बाद श्रम के क्षेत्र में सुधार हो सकते हैं। इसी लेबर कोर्ड के एक मसौदे में कर्मचारियों को हफ्ते में चार दिन काम और तीन दिन छुट्टी का ऑप्शन दिया जाएगा। साथ ही असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के पंजीकरण और कल्याण के लिए एक पोर्टल भी बनाया जाएगा। जहां इस क्षेत्र के श्रमिकों को रजिस्टर किया जाएगा। रजिस्ट्रेशन होने के बाद इन्हें अन्य सुविधाएं भी दी जा सकती है। बतादें कि मुलरूप से इनमें ठेके या मुक्तरूप से काम करने वाले श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा।
इन्हें होगा फायदा
इस कानून से सबसे ज्यादा फायदा कॉन्ट्रेक्ट पर काम करने वाले श्रमिकों को मिलेगा। हालांकि अभी कानून को लागू नहीं किया गया है, लेकिन इसे बनाने की प्रक्रिया पर काम तेजी से चल रहा है। इसमें कई अहम प्रवधान किए जा सकते हैं। सरकार से जुड़े लोगों ने बताया कि इस कानून के लागू हो जाने के बाद ऐसे श्रमिक जो कॉन्ट्रेक्ट पर काम करते हैं उन्हें पूरा वेतन मिलेगा। कॉन्ट्रेक्टर चाहकर भी उसके वेतन में कटौरी नहीं कर सकेगा। सरकार ने पहले ही कंपनियों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि जो भी कर्मचारी उनके यहां काम करते हैं, उनके पूरे वेतन का पहले बंदोबस्त करे। साथ ही कंपनियां, कर्मचारियों को पीएफ और ईएसआई जैसी सुविधाएं भी दे। सरकार ने साफ कर दिया है कि कोई भी कंपनी यह कहकर पल्ला नहीं झाड़ सकती कि कॉन्ट्रेक्ट के जरिए जो कर्मचारी आए है्ं उन्हें पीएफ और ईएसआई जैसी सुविधाएं नहीं दी जा सकती।
15 मिनट भी ओवरटाइम तो देने होंगे पैसे
वहीं इस नए कानून में ओवरटाइम को लेकर भी बड़ा ऐलान किया जा सकता है। कानून के लागू होने के बाद अगर कंपनी कर्मचारी से 15 मिनट भी ओवरटाइम कराती है तो उसे कर्मचारी को पैसे देने होंगे। अभी तक ये लिमिट आधे घंटे की थी। बतादें कि देश में लगभग हर कंपनी में ओवरटाइम कराया जाता है। ऐसे में नए कानून के लागू होने के बाद कर्मचारियों को बड़ा फायदा मिल सकता है।
ये हैं चार श्रम कानून
श्रम मंत्रालय जिन चार कानूनों को लागू करेगा, इनमें वेतन/मजदूरी संहिता, औद्योगिक संबंधों पर संहिता, काम विशेष से जुड़ी सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यस्थल की दशाओं पर संहिता और सामाजित सुरक्षा संहिता शामिल है। इन कानूनों को लागू करने के लिए श्रम मंत्रालय ने एक अप्रैल की योजना बनाई है। मंत्रालय ने पिछले साल मानसून सत्र में संसद की मंजूरी के बाद संबंधित पक्षों की प्रतिक्रिया जानने के लिए मजदूरी को छोड़कर नियमों को पिछले साल नवंबर में जारी कर दिया था।
श्रम कानून को संसद से 2019 में ही मिल गई थी मंजूरी
श्रम कानून को संसद ने साल 2019 में ही मंजूरी दे दी थी और इसके नियमों को भी अंतिम रूप दे दिया गया था। लेकिन इसे तब लागू नहीं किया गया था। मंत्रालय चाहती था कि वो चारों कानूनों को एक साथ लागू करे। वहीं श्रम मंत्रालय राज्यों के श्रम कानूनों का अध्ययन करने के लिए जल्दी ही कानूनी सालहकारों को नियुक्त करेगा। मालूम हो कि श्रम पर केंद्र के साथ राज्य सरकार भी कानून बना सकते हैं।