New Parliament Building: भारतीय संसदीय इतिहास में 28 मई 2023 को खास दिन के तौर पर याद किया जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि रविवार के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन की नई इमारत को देश के लिए समर्पित कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे वैदिक विधि-विधान से देश के नए संसद भवन (New Parliament House) का का उद्घाटन किया।
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पुराने संसद भवन का क्या होगा?
लेकिन अब लोगों के मन में यह सवाल उठने लगा है कि नए संसद भवन के बन जाने से पुराने संसद भवन का क्या होगा। कई लोगों का कहना है कि पुराने भवन को तोड़ दिया जाएगा। हालांकि, आपको बता दें कि पुराने संसद भवन को संरक्षित किया जाएगा। बता दें कि जिस ‘सेन्ट्रल विस्टा रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट’ के तहत नए संसद भवन का निर्माण हुआ है, उस प्रोजेक्ट में मौजूदा संसद भवन के रेनोवेशन का काम भी शामिल है।
प्रोजेक्ट में बताया गया है कि पुराने संसद भवन को इस तरह से तैयार किया जाएगा ताकि इमारत को संसदीय आयोजनों के लिए इस्तेमाल किया जा सके। इसके साथ ही कहा गया कि विरासत संरक्षण मानकों के तहत जरूरी निर्माण किए जाएंगे और आगे इनके इस्तेमाल के लिए इन्हें नया किया जाएगा।
इसलिए बनाया गया नया संसद भवन
सरकार का कहना था कि संसद के बढ़ते काम के कारण एक नई इमारत की जरूरत महसूस की गई। अभी का संसद 96 साल पुराना था, जो ब्रिटिश काल का था। उसमें जगह के साथ-साथ आधुनिक सुविधाओं में कमी थी। इसके अलावा पुराने संसद को लेकर सुरक्षा की चिंता भी सता रही थी। ऐसा इसलिए क्योंकि इमारत का डिजाइन मॉडर्न फायर नियमों के हिसाब से नहीं है।
संसद के वर्तमान भवन में लोकसभा में 550 जबकि राज्यसभा में 250 सदस्यों की बैठक की व्यवस्था है। जबकि नए संसद भवन में लोकसभा में 888 सदस्यों और राज्यसभा में 384 सदस्यों की बैठने की व्यवस्था की गई है।
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