ग्वालियर से उमेश पाराशर की रिपोर्ट|
Gwalior News: गुना शिवपुरी संसदीय क्षेत्र को ग्वालियर के सिंधिया राजघराने का गढ़ माना जाता है। क्योंकि उपचुनाव सहित 20 चुनाव में सिंधिया राजघराने के प्रतिनिधियों को 14 बार जीत मिली। ज्योतिराज सिंधिया की दादी विजय राजे सिंधिया 6 बार, पिता माधवराव सिंधिया 4 बार और स्वयं ज्योतिरादित्य सिंधिया 4 बार चुनाव जीते हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना शिवपुरी सीट पर के पी यादव से चुनाव हारे थे। अब महाराज का गुना- शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से मोहभंग होता हुआ नजर आ रहा है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया अब ग्वालियर में अपनी चुनावी जमीन तलाश रहे हैं और लगातार ग्वालियर में सक्रिय होते दिलोकसभा चुनाव से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया अलग-अलग समाजों के साथ बैठक कर रहे हैं।
सिंधिया 3 दिवसीय दौरे पर ग्वालियर में है। ग्वालियर में अलग-अलग समाजों में अपनी पैठ बनाते हुए नजर आ रहे हैं। सिंधिया ने 3 दिन में खटीक समाज, पंजाबी समाज, बाल्मिक समाज, रजक समाज, जैन समाज, ब्राह्मण समाज सहित अन्य समाजों के साथ बैठक कर रहे हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हुए
बीजेपी के कद्दावर नेता जयभान पवैया से सिंधिया परिवार को खतरा बना था। लेकिन अब ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हो गए हैं। ऐसे में जयभान पवैया ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ कांग्रेस में कोई बड़ा चेहरा चुनाव के लिए नजर नहीं आ रहा है। अब अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार महाराज ग्वालियर से चुनाव लड़ सकते हैं।
कॉन्ग्रेस का बयान सामने आया है
कांग्रेस का अपना एक अलग नजरिया है। कांग्रेस कभी वर्गों को बांटने का काम नहीं करती बल्कि मिलकर देश को चलाने का काम कांग्रेस ने किया है। जबकि भाजपा लोगों को जाति में बांटने का काम कर रही है।
इसीलिए सिंधिया अलग-अलग समाज के लोगों के साथ बैठक कर रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि पहले सिंधिया 2023 के चुनाव में सिंधिया समर्थक विधायकों को ही चुनाव जीता लें। सिंधिया के ग्वालियर से चुनाव लड़ने को लेकर कहा कि सिंधिया की जमीन नहीं बचेगी।
बीजेपी ने दिया जवाब
कांग्रेस के इस बयान पर बीजेपी का पलटवार सामने आया है ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मैं उस में रुचि नहीं रख रहा कि कांग्रेस क्या कर रही है।
भारतीय जनता पार्टी की हमेशा से सोच रही है कि सबका साथ और सबका विकास हो और उस गुलदस्ते में हर समाज का प्रतिनिधित्व होना चाहिए। ग्वालियर सदैव एक गुलदस्ता रहा है और उसी गुलदस्ते को मजबूती प्रदान करना और सब को साथ में लेकर चलना हमारा दायित्व है।
गुना शिवपुरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा
माधवराव सिंधिया के दुर्घटना में हुई मौत के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेगे। लेकिन उन्होंने गुना शिवपुरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और 2002 में चार लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की।
ज्योतिरादित्य सिंधिया अब लगातार ग्वालियर में सक्रिय हैं और अपनी चुनावी जमीन तलाश रहे हैं। अगर सिंधिया ग्वालियर से चुनाव लड़ते हैं तो सबसे पहले उनके सामने चुनौती होगी बीजेपी के पुराने नेताओं को एकजुट करना।
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