World Pi Day 2024: गणित में इस्तेमाल होने वाले पाई को एक ख़ास “पाई दिवस” (π) के रूप में मनाया जाता है. पाई गणित में संख्या के रूप में प्रयोग किया जाता है. हर साल 14 मार्च को सुबह 1:59 बजे “पाई दिवस” को मनाया जाता है.
लेकिन आपके मन में सवाल आया होगा कि केवल उस विशेष समय पर ही क्यों “पाई दिवस” मनाया जाता है। इसके पीछे एक गणितीय गणना और लॉजिक पर आधारित है
किसी भी अन्य गणित शब्द की तरह, हम पाई दिवस (World Pi Day 2024) क्यों मनाते हैं इसके पीछे भी एक कहानी है.
1:59 पर मनाते है पाई दिवस
विश्व पाई दिवस (π) हर साल 14 मार्च को सुबह 1:59:26 बजे मनाया जाता है। यह सटीक क्षण Mathematical Constant पाई का प्रतीक है. जिसे वैल्यू 3.1415926 से दर्शाया गया है।
यह समय विशिष्ट पाई (World Pi Day 2024) ग्रीक अक्षर के महत्व का सम्मान करने के लिए होता है. पाई गणित की दुनिया में बहुत महत्व रखता है.
किसने की थी “π” की ख़ोज
जानकरी के मुताबिक “π” की ख़ोज 287 ईसा पूर्व के आसपास प्रसिद्ध यूनानी वैज्ञानिक आर्किमिडीज़ ने सबसे पहले की था. लेकिन जब प्रतिष्ठित गणितज्ञ लियोनहार्ड यूलर ने इसे 1737 में पेश किया. तब पाई का इस्तेमाल वास्तव में आधुनिक युग के दौरान हुआ.
इस मौलिक Mathematical Constant की उत्पत्ति के सिद्धांतों में बहुत सी थ्योरी मौजूद हैं.
आर्यभट्ट ने बताया मूल
बहुत से लोगों का मानना हैं कि यूनानी वैज्ञानिक आर्किमिडीज़ से पहले ही 5वीं शताब्दी में आर्यभट्ट ने पाई का मूल्य पता लगाया था.
आर्यभट्ट ने पाई पर एक विशेष कविता भी लिखी थी. जिसमें बताया गया है कि पाई की केलकुलेशन कैसे की जाती है. उन्होंने सरल शब्दों में बताया कि जब आप 400, 80 और 200 को एक साथ जोड़ते हैं.
तो आपको 1000 मिलता है और संख्या एक दोहरे अंक वाली संख्या है जो शून्य पर समाप्त होती है.
इसका मतलब है कि आप 100 से शुरू करते हैं, फिर 4 जोड़ते हैं, 8 से गुणा करते हैं, 62000 जोड़ते हैं, और इससे आपको एक सर्किल का आकार खोजने में मदद मिलती है जिसके चारों ओर 20000 लंबी रेखा होती है.
उदाहरण
(100 + 4) x 8 +62000/ 20000= 3.1416
पाई से जुड़े फैक्ट्स
पाई एक विशेष संख्या है जिसका उपयोग सर्कल्स को मेजर करने के लिए किया जाता है. हम पाई का सटीक वैल्यू नहीं निकाल सकते. ठीक वैसे ही जैसे हम सर्किल का सटीक आकार नहीं निकाल सकते.
प्राचीन समय में मिस्रवासियों पाई का इस्तेमाल गीज़ा में पिरामिड बनाने में करते थे.
लैरी शॉ नामक वैज्ञानिक ने 14 मार्च को सैन फ्रांसिस्को के एक संग्रहालय में पाई दिवस मनाने का निर्णय लिया था.
महान साइंटिस्ट अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च, 1879 को पाई के दिन हुआ था.