Civil Services Day 2023: हर वर्ष आज के दिन (21 अप्रैल) को राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस (Civil Services Day) के रुप में मनाया जाता है. यह उन लोक सेवकों को समर्पित है, जो कि देश की प्रगति के लिए कार्य करते हैं. देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक इंडियन सिविल सर्विस परीक्षा में हर साल 10 से 15 लाख अभ्यर्थी परीक्षा में बैठते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अंग्रेजों ने भारतीयों को खुद साबित करने के लिए ये परीक्षा रखी थी। उस वक्त परीक्षा भी लंदन में हुआ करती थी।
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1922 में पहली बार किस जगह हुई पहली परीक्षा?
भारतीय उम्मीदवारों ने परीक्षा को अगले 50 वर्षों तक भारत में करवाने की मांग भी की थी, ये मांग सन् 1922 में जाकर पूरी की गई । पहले विश्व युद्ध के बाद साल 1922 में सिविल सेवा परीक्षा (Civil Services) की शुरुआत भारत में की गई थी। ये परीक्षा सबसे पहले इलाहाबाद में की गई।
21 अप्रैल को ही क्यों मनाया जाता है सिविल सर्विस दिवस?
भारत में सिविल सर्विस सेवा दिवस(Civil Services Day) को 21 अप्रैल को ही इसलिए मनाया जाता है, क्योंकि ये वहीं दिन था जब भारत के प्रथम गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने नव नियुक्ति प्रशासनिक सेवा अधिकारियों को संबोधित किया था। साल 1947 में दिल्ली के मेटकाफ हाउस में इस कार्यक्रम को रखा गया था।
आज होगें खास कार्यक्रम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 16वें ‘सिविल सेवा दिवस’ (Civil Services Day)कार्यक्रम के समापन सत्र और पुरस्कार समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगे। दिल्ली के विज्ञान भवन में सुबह 11 बजे यह कार्यक्रम शुरू होगा। प्रधानमंत्री मोदी सुबह 11:40 बजे कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।
साथ ही वह नौकरशाहों से भी बातचीत करेंगे। इसके बाद 11:25 बजे पीएम मोदी पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित करेंगे। बता दें, देश में विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत सभी अधिकारियों के कार्यों की पहचान और प्रोत्साहन के लिए हर साल 21 अप्रैल को ‘सिविल सेवा दिवस’ मनाया जाता है।
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