Valentine Day 2022 : वैलेंटाइन यानी प्यार का दिन। इस दिन कपल्स एक दूसरे को समय देते है, अपने दिल की बात कहते है। वैलेंटाइन डे को प्यार करने वालों के दिन के तौर पर मनाया जाता है। वैलेंटाइन वीक का हर दिन एक खास दिन होता है। जिसे कपल्स बड़े उत्साह के साथ मनाते है। यह त्यौहार हर साल 14 फरवरी को मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते है कि वैलेंटाइन डे की शुरूआत कहां से हुई थी? और यह त्योहार 14 फरवरी को ही क्यों मनाया जाता है।
वैलेंटाइन डे हर साल 14 फरवरी को ही मनाया जाता है। दरअसल, इसके पीछे की एक रोचक कहानी है। यह कहानी प्यार और बलिदान को समर्पित है। तो आज हम आपको वैलेंटाइन डे का इतिहास और वो कहानी बताने जा रहे है, जिसे पूरी दुनिया में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
कब हुई वैलेंटाइन डे की शुरुआत?
वैलेंटाइन डे को मनाने की शुरुआत रोम से शुरू हुई थी। यह त्यौहार उस दौर में शुरू हुआ था, जब रोम के राजा क्लॉडियस थे और एक पादरी हुआ करता था। जिनका नाम सेंट वैलेंटाइन था। वैलेंटाइन डे का त्योहार उन्ही के नाम पर मनाया जाता है।
क्यों मनाया जाता है वैलेंटाइन डे?
बताया जाता है कि रोम के पादरी सैंट वैलेंटाइन प्यार को बढ़ावा देते थे। लेकिन पादरी की यह बात राजा को पसंद नहीं थी। राजा की कहना था की प्यार और शादी इंसान की सोचने की शक्ति को खत्म कर देती है। रोम के राजा क्लॉडियस ने अपने शासन के दौरान एक आदेश भी जारी किया था, कि राज्य के सैनिक और अधिकारी शादी के बंधन में नहीं बंध सकते है।
सैंट वैलेंटाइन को दी गई थी फांसी
राजा के इस आदेश का पादरी सेंट वैलेंटाइन विरोध करते रहे और पादरी ने राजा के आदेश के विपरित जाते हुए कई सैनिकों और राजा के अधिकारियों की शादी करा दी। जिसके बाद राजा को पादरी पर बहुत गुस्सा आया और पादरी को फांसी की सजा सुना दी। पादरी को 14 फरवरी को फांसी देने का ऐलान किया गया। पादरी सैंट वैलेंटाइन को 14 फरवरी 269 के दिन फांसी पर चढ़ा दिया। उसी दिन से 14 फरवरी को सैंट वेलेंटाइन की याद में यह त्योहार प्यार के दिन के तौर पर मानाया जाने लगा। खास बात यह है कि सेंट वैलेनटाइन ने अपनी मौत से पहले शहर की जेल के जेलर की बेटी को अपनी आंखे दान करने की घोषणा की थी। जेलर की बेटी का नाम जैकोबस था। सैंट वैलेंटाइन ने अपनी मौके के दौरन जैकोबस को एक पत्र भी लिखा था, जिसमें लिखा था तुम्हारा वैलेंटाइन