Safety Pin : महिलाओं के श्रंगृार में एक छोटे से तार सेफ्टी पिन का बड़ा महत्व है। क्योंकि साड़ी का पल्लू संभालने, कपड़ों को संभालने के लिए सेफ्टी पिन का उपयोग किया जाता है। यहां तक की फटे कपड़ों से अपनी इज्जत ढांकने के लिए सेफ्टी पिन का प्रयोग किया जाता है। लेकिन क्या आपका पता है कि इसे सेफ्टी पिन क्यों कहा जाता है, क्या है इसकी कहानी और इसका आविष्कार कैसे हुआ?
कहा जाता है कि 1849 में वॉल्टर हंट ने सेफ्टी पिन का आविष्कार किया था। वॉल्टर हंट छोटी-छोटी चीजों के आविष्कार के लिए दुनिया में जाने जाते है। मीडिया की खबरों के अनुसार वॉल्टर हंट पर काफी कर्ज था। अपने कर्ज को चुकाने के लिए वह छोटी-छोटी चीजों का आविष्कार करते थे। जिनमें सेफ्टी पिन भी शामिल था। जब वॉल्टर हंट ने सेफ्टी पिन का आविष्कार किया था तब उन्हें लगा की यह काफी कामगार साबित हो सकता है। सेफ्टी पिन का आविष्कार करने के बाद उन्होंने उसे बेंच दिया जिसके बदले में उन्हें 400 डॉलर मिले थे।
क्या है सेफ्टी पिन की कहानी?
वॉल्टर हंट ने सेफ्टी पिन के अलावा पेन, चाकू की धार तेज करने वाला औजार,स्टोन, स्पिनर जैसी छोटी-छोटी चीजों का आविष्कार किया था। यहां तक की उन्होंने सिलाई मशीन भी बनाई थी। सेफ्टी पिन की कहानी की बता करें तो एक बार वॉल्टर की पत्नी कही जा रही थी। इसके लिए वह तैयार हो रही थी की उसी दौरान उनकी ड्रेस का बटन टूट गया। तब वॉल्टर ने एक तार के टुकड़े से सेफ्टी पिन जैसी जुगाड़ बताई जो बटन का काम कर रहा था। उस समय सेफ्टी पिन को उन्होंने ड्रेस पिन नाम दिया।
कैसे पड़ा सेफ्टी पिन नाम?
बताया जाता है कि हंट के इस आविष्कार के बाद तार की जगह इस पिन का इस्तेमाल होने लगा था। पिन के इस्तेमाल करने में होने वाली इंजरी से निजात मिलने लगी। इसलिए इसे सेफ्टी पिन कहा जाने लगा। आपको बता दें कि सेफ्टी पिन का इस्तेमाल महिलाएं साड़ी से लेकर सलवार कमीज तक करती है। कुल मिलकार इंजरी से बचने के लिए इसे सेफ्टी पिन कहा जाता हैै।