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FASTag: सरकार फास्टैग पर इतना जोर क्यों दे रही है, जानें इसके फायदे

FASTag: सरकार फास्टैग पर इतना जोर क्यों दे रही है, जानें इसके फायदेWhy is the government putting so much emphasis on Fastag, know its benefits

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Bansal Digital Desk
FASTag: सरकार फास्टैग पर इतना जोर क्यों दे रही है, जानें इसके फायदे

नई दिल्ली। नए साल में सरकार टोल प्लाजाओं पर फास्टैग को अनिवार्य करने वाली है। पहले 1 जनवरी से टोल प्लाजा (Toll plaza) पर 100 प्रतिशत कैशलेस को लागू किया जाना था पर सरकार ने राहत देते हुए इसे आगे बढ़ा दिया है। ऐसे में लोग ये सोच रहे हैं कि आखिर सराकर फास्टैग पर इतना जोर क्यों दे रही है, यह काम कैसे करता है और इससे चालकों को क्या फायदा होगा। तो आइए आज हम जानते हैं कि ये काम कैसे करता है और इसे लगाने से हमें क्या फायदा होगा। साथ ही हम ये भी जानेंगे की फास्टैग को कितने रंगों में सरकार ने जारी किया है।

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कैसे काम करता है फास्टैग

दरअसल, फास्टैग गाड़ी के विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि इसमें रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (Radio frequency identification) लगा होता है और जैसे ही आपकी गाड़ी टोल प्लाजा से गुजरती है वैसे से ही प्लाजा पर लगे सेंसर फास्टैग के बार कोर्ड को स्कैन कर लेता है। जिसके बाद फास्टैग अकाउंट से टोल प्लाजा पर लगने वाले टैक्स को काट लिया जाता है।

इसे क्यों लागू किया गया

राष्ट्रीय हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (National Highways Authority of India) ने टोल प्लाजाओं पर होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम को लागू किया है। फास्टैग को सबसे पहले भारत में 2014 में शुरू किया गया था जिसे धीरे-धीरे कर के देश के कई हिस्सों में लागू किया गया। गौरतलब है कि पहले टोल प्लाजाओं पर टैक्स देते समय काफी परेशानी होती थी। यहां चालकों को कैश देना होता था। वहीं अगर छुट्टे ना हो तो मानों आपका पैसा राउड फिगर में ही रख लिया जाता था। साथ ही टोल प्लाजा पर टैक्स भरते समय गाड़ियों की लंबी लाइन लग जाती थी। लेकिन अब फास्टैग लगाने से ऐसा नहीं होगा। लोग अपने गाड़ी को आराम से टोल प्लाजा से होकर गुजारेंगे और उनका टैक्स भर दिया जाएगा।

वाहनों के अनुसार फास्टैग के रंग बदल जाएंगे

चार पहिया वाहन जैसे- कार, जीप, वैन आदि के लिए नीले रंग का फास्टैग निधारित किया गया है। जबकि चार पहिया मालवाहक वाहनों के लिए लाल, बस के लिए हरा, मिनी बस के लिए संतरे रंग के फास्टैग निर्धारित किए गए हैं। जबकि ट्रक को उनके क्षमता के अनुसार रंग दिया जाएगा। 12 से 16 हजार किलो वजन वाले ट्रक को हरा रंग, 14200 से 25 हजार किलो के ट्रक को पीला रंग, 25 से 54 हजार किलो के वजनी ट्रक को गुलाबी तथा 54200 किलो से अधिक वजन के ट्रक को आसमानी रंग दिया गया है। जेसीबी व अन्य निर्माण कार्य में प्रयोग होने वाली मशीन के लिए ग्रे रंग का फास्ट टैग निर्धारित किया गया है।

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फास्टैग को चलाने के लिए इन चीजों को रखे ख्याल

फास्टैग को सुचारू रूप से चलाने के लिए कुछ चीजों का आपको ख्याल रखना होगा। जैसे- फास्टैग एकांउट में कम से कम 100 रूपये जरूर होने चाहिए अगर ऐसा नहीं है तो टैग काम नहीं करेगा, उसे फिर से चालू करने के लिए आपको रिचार्ज करना होगा। एक फास्टैग अकाउंट को 1 लाख तक रिचार्ज किया जा सकता है। जिसे आप क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, यूपीआई, आरटीजीएस औ नेट बैंकिंग के माध्यम से रिचार्ज करा सकते हैं.

फास्टैग लगाने के लिए इन डॉक्यूमेंट की पड़गी जरूरत

फास्टैग को लगाने के लिए आप किसी भी प्वाइंट ऑफ सेल के अंदर आनेवाले टोल प्लाजा और एजेंसी में जा कर इसे लगवा सकते हैं। इसके लिए आपको आरसी (Vehicle registration certificate), गाड़ी मालिक की एक पासपोर्ट साइज फोटो और एड्रेस प्रूफ की एक कॉपी ले जानी होगी।

टोल टैक्स के अलवा और कहां काम करेगा फास्टैग

टोल टैक्स भरने के अलवा आपको फास्टैग की जरूरत और भी जगहों पर पड़ सकता है। जैसे गाड़ी के फिटनेस सर्टिफिकेट को रिन्यू कराते वक्त फास्टैग का लगा होना आवश्यक है। इसके साथ ही अप्रैल 2021 से थर्ड पार्टी इन्सुरेंस कराने के लिए भी फास्टैग को लगाना आवश्यक है। वहीं नेशनल परमिट के लिए फास्टैग होना जरूरी है। तभी परमिट मिल सकता है।

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