Advertisment

Paid Menstrual Leave: पीरियड्स के दौरान महिलाओं को छुट्टी मिले या नहीं, जानें इस मुद्दे पर क्यों ट्रोल हो रही हैं स्मृति ईरानी

Paid Menstrual Leave: पीरियड्स के दौरान महिलाओं को छुट्टी मिले या नहीं, जानिए इस मुद्दे पर क्यों ट्रोल हो रही हैं स्मृति ईरानी

author-image
Preeti Dwivedi
Paid Menstrual Leave: पीरियड्स के दौरान महिलाओं को छुट्टी मिले या नहीं, जानें इस मुद्दे पर क्यों ट्रोल हो रही हैं स्मृति ईरानी

Paid Menstrual Leave: पीरियड्स के दौरान कामकाजी महिलाओं को छुट्टी मिलनी चाहिए या नहीं, इस मुद्दे पर भारत (Bharat) में भी बहस तेज हो गई है।

Advertisment

बीते दिन केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) के पीरियड लीव (Menstrual Leave) का विरोध करने के बाद उन्हें काफी ट्रोल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मासिक धर्म कोई "बाधा" नहीं है और इसलिए "पेड मेन्सुरेशन लीव पॉलिसी" (paid Measurement Leave Policy) की जरूरत नहीं है।

ईरानी के तर्क के समर्थन में बॉलीवुड ऐक्ट्रेस कंगना रनौत ने भी कहा है कि जब तक ये किसी भी महिला के लिए कोई स्पेशल मेडिकल कंडीशन न हो, महिलाओं को पीरियड्स के लिए पेड लीव की जरूरत नहीं है।

क्यों चर्चा में है 'पीरियड लीव'

सवाल उठता है यह मुद्दा चर्चा में क्यों है और पीरियड लीव (paid Leave) पर बहस की पृष्ठभूमि क्या है? दरअसल इस मुद्दे पर पूरी दुनिया में एक नई बहस तब शुरू हुई, जब इसी साल फरवरी में स्पेन ने महिलाओं को महीने में तीन दिन की मासिक छुट्टी का कानूनी अधिकार दिया।

Advertisment

इसमें एक प्रावधान यह भी है कि यदि किसी महिला का पीरियड बेहद दर्द भरा है, उसे पांच दिनों तक बढ़ाया जा सकता है।

विदेशों में पीरियड लीव का प्रावधान?

स्पेन की देखादेखी कुछ एक अन्य देशों ने भी पीरियड लीव (Menstrual Leave) को अपनाया। एशियाई देश जापान, ताइवान, इंडोनेशिया और साउथ कोरिया में इस लीव को अप्रूव किया गया है, जहां पर 3 से 5 दिनों की पीरियड लीव दी जाती है। दक्षिण अफ्रीकी देश जाम्बिया में भी यह लागू है।

बता दें, अमेरिका में इसे लेकर लम्बे समय से महिलाओं ने एक कैम्पेन चला रखा है, लेकिन पीरियड लीव वहां कोई अमली जामा नहीं पहनाया गया है।

Advertisment

गौरतलब है कि विदेशों में ‘पीरियड लीव’ को ‘मेडिकल लीव’ से अलग रखा गया है। फिलहाल जिन देशों में पीरियड लीव (Paid Periods Leave) की व्यवस्था है, वहां इसे ‘हेल्थ राइट्स’ से भी अलग रखा गया है।

क्या है पीरियड लीव का इतिहास

पीरियड लीव पर एक वैश्विक बहस (ग्लोबल डिबेट) पहली बार 19वीं सदी में शुरु हुई थी, जब 1922 में तत्कालीन सोवियत रूस ने पीरियड लीव पॉलिसी (Menstrual Leave policy) लागू किया। हालांकि, पांच साल के बाद इसे निरस्त कर दिया गया। इसकी वजह यह बताई गई कि इससे कार्यस्थल और कामकाज में भेदभाव बढ़ गया था।

इसके बाद 1947 में जापान ने फ़ैक्टरी में महिला श्रमिकों के लिए पीरियड लीव की शुरुआत की। जिसे बाद में बाकायदा श्रम कानून में सभी कामकाजी महिलाओं के अधिकार के रूप में पीरियड लीव को शामिल किया गया। वियतनाम में पीरियड्स के दौरान प्रत्येक दिन 30 मिनट के एक एक्स्ट्रा ब्रेक की अनुमति भी दिया गया है।

Advertisment

भारत में क्या है पीरियड लीव का प्रावधान

भारत में सबसे पहले वर्ष 1992 में बिहार में लालू यादव की सरकार ने पीरियड लीव (Menstrual Leave) के लिए मंजूरी दी थी। जिसके बाद राज्य में सरकारी कर्मचारियों को पीरियड्स लीव दी जाने लगी।

इसके बाद केरल में भी पीरियड्स लीव देना शुरू किया गया। लेकिन भारत के अन्य राज्यों और प्राइवेट कंपनियों में इस लीव को लेकर को नियम या एक राय नहीं है।

प्राइवेट कंपनियों पीरियड लीव की स्थिति

इसी क्रम में एक मुद्दा ये उठता है कि केंद्र सरकार जिस पीरियड लीव (Menstrual Leave) की बात कर रही है वह केवल सरकारी महिला कर्मचारी के लिए लागू होगा। ऐसे में प्राइवेट कंपनी में कामकाजी महिलाओं के साथ अभी भी स्थिति यथावत ही रहेगी। हालांकि कई कंपनियों ने इसे लेकर पहल भी की है। जिसमें कंपनी की महिला कर्मचारियों को पीरियड लीव दी जाती है।

पीरियड लीव बनाम पेड पीरियड लीव (Paid Menstrual Leave) का मुद्दा

आपको बता दें मुद्दा पीरियड लीव बनाम पेड पीरियड लीव (Paid Periods Leave) का छिड़ा है। दरअसल पीरियड लीव में महिलाओं को केवल छुट्टी का प्रावधान होता है। तो वहीं पेड पीरियड लीव (Paid Menstrual Leave) का मतलब है उस छुट्टी के बदले उन्हें पे किया जाएगा। यानि सैलरी दी जाएगी।

एमपी के इस कॉलेज में छात्राओं को सुविधा

जहां तक मध्य प्रदेश की बात है, तो इसी साल सितंबर में प्रदेश के जबलपुर में धर्मशास्त्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय ने छात्राओं के लिए मासिक धर्म अवकाश की शुरुआत की है।
यह पहला मौका है जब प्रदेश में इस प्रकार की पहल की गई है। इस यूनिवर्सिटी में विद्यार्थी बार एसोसिएशन समेत कई छात्राएं पिछले साल से मासिक धर्म अवकाश की मांग कर रही थीं।

प्रभारी कुलपति डॉ. शैलेश एन हाडली के मुताबिक, ये छुट्टियां विद्यार्थियों को प्रत्येक सेमेस्टर में सांस्कृतिक और अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए दी जाने वाली छह छुट्टियों का हिस्सा होंगी। छात्राएं ये छुट्टियां ले सकती हैं। यह कदम छात्राओं के जीवन में बेहतरी लाने के प्रयासों का हिस्सा है।

जागरुकता के लिए लागू होगी योजना

पीरियड्स के शुरुआती दिनों के लिए मानसिक रूप से तैयार रहने और साफ सफाई को लेकर जागरुक करने के लिए 10-19 साल की लड़कियों को पीरियड्स के दौरान साफ-सफाई को लेकर जागरूक करने के लिए योजना लागू कर रहा है।

Bansal News Union Minister Smriti Irani paid menstrual leave does period leave is necessary paid period leaves in india period controversy period leave issue smriti irani period leaves Why is period leave necessary
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें