थ्री पिन प्लग में एक पिन शेष दो पिनों की तुलना में मोटा और बड़ा क्यों होता है? जानिए इसके पीछे का विज्ञान

नई दिल्ली। थ्री पिन प्लग का इस्तेमाल तो हम सब अपने घरों में करते हैं, खासकर उन उपकरणों में इसका इस्तेमाल किया जाता है जिनमें विद्युत का प्रवाह समान्य से अधिक होता है। जैसे – रेफ्रिजरेटर, इंडक्शन चूल्हा, प्रेस, माइक्रोवेब आदि। लेकिन क्या कभी आपने इन प्लग को ध्यान से देखा है। अगर देखा होगा तो गौर किया होगा कि इसके तीन पिनों में से दो पिन तो समान्य होते हैं लेकिन एक पिन दोनों से बड़ा और ज्यादा मोटा होता है। आइए जानते हैं इन्हें ऐसा क्यों बनाया जाता है।
बिजली ने जिंदगी बदल दी
आज के समय में बिजली लगभग देश के सभी हिस्सों में पहुंच गई है। बिजली के कारण हमारी जिंदगी भी पुरी तरीके से बदल गई है। हालांकि, बिजली जितनी हमारी अच्छी दोस्त है उतनी ही बड़ी दुश्मन भी है। अगर सही तरीके से इसका इस्तेमाल नहीं किया गया तो हम इसके शिकार भी हो सकते हैं। तीन पिन में जो सबसे उपर का पिन होता है उसे अर्थिंग पिन कहा जाता है।
अर्थिंग पिन का क्या है काम?
अर्थिंग पिन बिजली के यंत्र से लीक हो रहे किसी भी करेंट को अर्थ (पृथ्वी) तक पहुंचाकर डिस्चार्ज करती है ताकि उपकरण का इस्तेमाल करनेवाले व्यक्ति को करंट नहीं लगे और उपकरण भी सुरक्षित रहे। अब सवाल है कि इन्हें लंबा और मोटा क्यों बनाया जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अुनसार इन्हें ऐसा इसलिए बनाया जाता है ताकि यह सॉकेट के छेद में सबसे पहले जाए और सबसे बाद में बाहर निकलें।
कनेक्ट करते समय इसका काम?
जब हम प्लग को कनेक्ट करते हैं तब यह लंबी पिन मेन्स से कनेक्सन स्थापित होने से पहले यंत्र की धातु की बॉडी में बचे रह गए करंट को अर्थ तक पहुंचा देती है। इस तरह कनेक्ट करते वक्त हमारा यंत्र सबसे पहले अर्थ से कनेक्ट होता है और बाद में बिजली के मेन्स (फेज और न्यूट्रल) पिन से। मान लिजिए अगर इस पिन को लंबा और बड़ा नहीं बनाया गया तो यह अर्थिंग मिलने से पहले ही यंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है।
डिस्कनेक्ट करते समय इसका काम?
डिस्कनेक्ट करते समय कई बार उपकरण में किसी कारण से कुछ करेंट बचा रह जाता है। ऐसे में यंत्र के प्लग को डिस्कनेक्ट करते वक्त मेन्स की पिनें पहले बाहर निकलती हैं। जबकि लंबी और बड़ी पिन बाद में सॉकेट से बाहर निकलती है। ऐसे में बचे रह गए या लीक हो रहे करंट को यह यंत्र से अर्थ में भेज देती है।
इस वजह से मोटा बनाया जाता है
अर्थिंग पिन को मोटा बनाने का एक कारण यह भी है कि मोटी चीज अधिक क्षेत्र घेरती है। धातु की मोटी पिन पतली पिन की तुलना में अधिक बड़े क्षेत्र में बिजली का संवाहन करती है। बिजली हमेशा सबसे कम प्रतिरोध का पथ चुनती है और मोटी पिन का अनुप्रस्थ क्षेत्रफल अधिक होने के कारण लीक होनेवाले करेंट को कम प्रतिरोध का मार्ग मिल जाता है और यह कुशलतापूर्वक डिस्चार्ज हो जाता है।
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