नई दिल्ली। देश में पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ सरसों तेल के दामों में भी आग लगी हुई है। इस साल की शुरूआत में जो तेल 130-140 रूपये लीटर बिक रहा था, वो आज करीब 220-225 रूपये लीटर है। भारत में ज्यादातर घरों में खाना पकाने के लिए सरसों के तेल का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अमेरिका में इसे खाना पकाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। सुनने में थोड़ा अजीब लग रहा है लेकिन यह सच है।
अमेरिका में क्यों नहीं करते इसका इस्तेमाल?
बता दें कि भारत में जिसे सबसे बेहतर खाद्य तेल माना जाता है उस पर अमेरिका में प्रतिबंध है। अगर आप अमेरिका में सरसों तेल खरीदेंगे तो उस पर आपको लिखा मिलेगा कि ‘यह तेल केवल एक्सटर्नल यूज के लिए है’ यानी आप वहां केवल इसका इस्तेमाल मसाज के लिए ही कर सकते हैं। मालूम हो कि अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने सरसों के तेल को एक खाद्य तेल के रूप में इस्तेमाल करने पर रोक लगा रखा है। अमेरिकी एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक सरसों के तेल के इस्तेमाल से आपके स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है। अमेरिका के अलावा कनाडा और यूरोपियन यूनियन में भी सरसों के तेल का इस्तेमाल खाने में नहीं किया जा सकता है।
वैज्ञानिक कारण
गौरतलब है कि सरसों के तेल में काफी मात्रा में मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड (Monounsaturated Fatty Acids) पाया जाता है। यह ओलेइस एसिड (oleic acid), लिनोलेइक एसिड (oleic acid) और इरूकिक एसिड (erucic acid) होता है। वैसे तो हमारे शरीर को मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड की जरूरत होती है। यह एक ऐसा वसा यानी फैट होता है तो शरीर के अंदर मौजूद बुरे वसा (Bad Fat) को कम करता है, लेकिन एफडीए के अनुसार Erucic Acid का ज्यादा इस्तेमाल इंसान के लिए ठीक नहीं है। इसका ज्यादा इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है।
बच्चों के लिए सबसे खतरनाक
सरसों के तेल में 20 से 40 फीसदी तक Erucic Acid पाया जाता है। जानवरों पर इसको लेकर किए गए परीक्षण में पाया गया है कि इससे उनमें पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और दिल को नुकसान पहुंचता है। अमेरिका की एक पत्रिका मेडिकल न्यूज टुडे ने भी इस बारे में लिखा है कि खास उम्र के लोगों के लिए Erucic Acid का उच्च स्तर खतरनाक हो सकता है। खासकर बच्चों को।
भारत के पड़ोसी देश भी जमकर करते हैं इस्तेमाल
वहीं, भारत सहित पड़ोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी बड़े पैमाने पर खाने में सरसों तेल का इस्तेमाल किया जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देश में खपत के लिए रोजाना करीब 10,000 टन सरसों तेल की आवश्यकता होती है। लेकिन इसका उत्पादन उतना नहीं हो पाता। वर्तमान में देश के कुछ ही राज्यों में प्रमुखता से सरसों की खेती होती है। इनमें राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, यूपी और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।