Maru Mahotsav 2022: राजस्थान की धरा को राजा महाराजों की धरा कहा जाता है। राजस्थान की खूबसूरती को देखने के लिए हर साल लाखों की तादात में सैलानी आते है। सौलानियों को आकर्षित करने के लिए वैसे तो राजस्थान में कई महोत्सवों और लोकगीतों का आयोजन किया जाता है, लेकिन उन महोत्सवों में राजस्थान का मरू महोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। मरू महोत्सव को राजस्थान की स्वर्ण नगरी जैसलमेर की शान कहा जाता है। इस महोत्सव का आयोजन पर्यटन विभाग एवं जिला प्रशासन करता है।
राजस्थान में इस साल भी कोरोना काल में मरू महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, जिसकी शुरूआत हो चुकी है। मरू महोत्सव का आगाज रविवार से पोकरण में शोभायात्रा के साथ हुआ। शोभायात्रा में राजस्थानी झांकियों और मरू संस्कृति की परंपराओं को दिखाया गया था। शोभायात्र में बीएसएफ के जवान भी शामिल हुए, जो ऊंटों पर सवार दिखाई दिए। वही महिलाएं मंगल कलश लेकर आकर्षण का केंन्द्र रही।
कैसे मनाया जाता है मरू महोत्सव
मूंछ प्रतियोगिता — मरू महोत्सव में कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। जिनमें सबसे खास प्रतियोगिता मूंछ प्रतियोगिता होती है। इस प्रतियोगिता में राजस्थानी अपनी बड़ी—बड़ी मूंछों का प्रदर्शन करते है। विजयी प्रतियोगी को महोत्सव के दौरान सम्मानित भी किया जाता है। इस मूंछ प्रतियोगिता में दूर-दूर से लोग आते हैं।
ऊंट-घोड़ा शृंगार प्रतियोगिता — मरू महोत्सव में ऊंट-घोड़ों का शृंगार प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है। जिसमें सजे हुए ऊंट-घोड़े वाद्य यंत्रों की धुनों पर थिरकते है। यह सजे हुए ऊंट-घोड़े शोभा यात्रा में भी शामिल होते है।
ये प्रतियोगिता भी की जाती है आयोजित
मरू उत्सव के दौरान सेलिब्रिटीज नाइट मरूश्री, मिस मूमल, मूछ प्रतियोगिता, साफा बांध प्रतियोगिता, ऊंट श्रृंगार प्रतियोगिता, मटका रेस प्रतियोगिता इसके अलावा महोत्सव में स्पोर्ट्स का भी मजा लिया जा सकता है। जिसे पर्यटन विभाग ने “उम्मीदों की नई उड़ान” नाम दिया है। मरू महोत्सव में सैलानियों को जैसलमेर में ठहने के लिए तीन सितारा से लेकर पांच सितारा होटल उपलब्ध है। बता दें कि जैसलमेर की जयपुर से महज 575 किमी की दूरी है। जैसलमेर तक जाने के लिए सड़क मार्ग और हवाई मार्ग आसानी से जाया जा सकता है।