Hyperlink Fact: कंप्यूटर के कई सॉफ्टवेयर में जहां पर कई फैक्ट छुपे होते है जहां पर क्या आपने कभी हाइपरलिंक से बारे में सुना या समझा है इसे अक्सर हम किसी वेबसाइट पर या पीडीएफ या एक्सल शीट में देखते है। देखने पर केवल इसका कलर नीला ही होता है काला या पीला क्यों नहीं। आइए जानते है यहां
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नीला होता है हाइपरलिंक का कलर ?
यहां पर हाइपरलिंक का कलर नीला नजर आता है इसके पीछे एक कहानी है जो 1985 की है। दरअसल, इसी समय में यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के प्रोफेसर बेन शार्डमेन के अंदर कुछ छात्रों का एक ग्रुप इस बात पर शोध कर रहा था कि हाइपरलिंक का कलर क्या होना चाहिए. इस दौरान हाइपरलिंक को कई रंग में रंगा गया। सबसे पहले इसे लाल रंग में किया गया, ये देखने में ज्यादा बोल्ड तो लग रहा था, लेकिन इसकी लिखाई पढ़ने में परेशानी हो रही थी। इसके बाद नीले रंग को ट्राई किया गया, नीला रंग देखने में भी बोल्ड लग रहा था और इसका टेक्स्ट भी पढ़ने में आ रहा था। इसके साथ ही ये रंग कलर ब्लाइंड्स के लिए भी बेहतर था. इसलिए फिर तय किया गया कि हाइपरलिंक का रंग नीला ही रखा जाए।
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ऐसे दुनिया में पॉपुलर हुआ नीला हाइपरलिंक
यहां पर हाइपरलिंक दुनिया में तो आ गया था लेकिन ये पूरी दुनिया में नीले रंग से कैसे पहचाना जाने लगा। आइए जानते है आपको बता दें इसकी शुरुआत हुई 1990 से. ये वही दौर था जब इंटरनेट पूरी दुनिया में धूम मचाने के लिए तैयार हो रहा था। इसकी वजह यह भी रही कि, 1990 में जब वर्ल्ड वाइड वेब ब्राउजर की शुरुआत हुई तो उसने अपने यहां हाइपरलिंक को नीला चुना. इसके बाद जब माइक्रोसॉफ्ट का इंटरनेट एक्सप्लोरर शुरू हुआ तो उसने भी अपने वेब पेजों पर हाइपरलिंक को नीला रखा. यहीं से पूरी दुनिया में हाइपरलिंक नीला हो गया।