बचपन में आपने एक कविता सुनी होगी, मछली जल की रानी है… जीवन उसका पानी है… हाथ लगाओं तो डर जाएगी…. बाहर निकालों तो मर जाएगी… यह कविता लगभग हर व्यक्ति ने सुनी होगी। आज भी जब छोटा बच्चा सोता नहीं है तो मां उसे यह कविता सुनाकर सुला देती है, भले ही आपने यह कविता सुनी हो, लेकिन आपने कभी सोचा है कि आखिर मछलियां बिना तैरे भी पानी में नहीं डूबती है। वह कई घंटो तक पानी में स्थिर रहकर भी जिंदा रहती है।
35 हजार मछलियों की प्रजाति
मछलियां पानी में क्यों नहीं डूबती यह जानने से पहले आपको सबसे बड़ी बात बता दें कि दुनियाभर में करीब 35 हजार मछलियों की प्रजातियां पाई जाती है। इतना ही नहीं सबसे हैरानी की बात तो यह है कि हर साल मछलियों की 200 से 300 नई प्रजातियां बढ़ जाती है।
क्यों नहीं डूबती मछलियां?
अब आपको बताते है कि पानी में बिना तैरे मछलियां क्यों नहीं डूबती है। दरअसल बोनी फिश प्रजाति की मछलियों के शरीर में एक अलग अंग होता है। जिसे स्विम ब्लेडर कहते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार बोनी फिश स्विम ब्लैडर की मदद से पानी में कई घंटों तक रह सकती हैं। क्योंकि मछली इनमें हवा भर लेती है, जिसके चलते वह बिन तैरे डूबती नही है। ब्लेडर एक तरह से मानव शरीर के फेफड़ों की तरह होता है। इसके अलावा कार्टिलेजिनस प्रजाति की मछलियों में स्विम ब्लेडर नहीं होता, ऐसी मछलियां अपने फैटी लिवर की मदद से तैरती हैं। इस प्रजाति की मछलियां का लिवर 75% तक वजन आब्जर्व कर लेता है जिसके चलते इन मछलियों का पानी में वजन 25 फीसदी रह जाता है और उन्हें तैरने में मदद मिल जाती है।
ऑक्सीजन भी लेती है मछलियां
आपको बता दें की जिस प्रकार से इंसान ऑक्सीजन लेता है ठीक उसी प्रकार से मछलियों को भी जिंदा रहने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है। और ऑक्सीजन लेने के लिए मछलियों के पास एक विशेष अंग होता है, जो उनके सिर के दोनों ओर होते हैं। जब मछलियां पानी के अंदर सांस लेने के लिए अपना मुंह खोलती है तो वो गिल्स की ओर पंप करती हैं, वही गिल्स ऑक्सीजन को सोख लेती हैं और गिल्स खुलने से पानी बाहर आ जाता है। तो इस प्रकार से मछलियां पानी में भी ऑक्सीजन लेती है।