Nana Patekar story: नाना पाटेकर फिल्म साईन करने वक्त क्यों रखते हैं झगड़ा करने की शर्त?

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नई दिल्ली। अपने दमदार डायलॉग डिलिवरी के लिए पहचाने जाने वाले अभिनेता नाना पाटेकर (Nana Patekar) का जन्म 1 जनवरी 1951 को कोलाबा, महाराष्ट्र में हुआ था। उनका शुरूआती जीवन काफी संघर्षों में बीता। पिता के कारोबार में घटा सहने के बाद उनके कंधों पर ही परिवार के खर्चों का सारा बोझ आ गया। यही कारण कि वे कम उम्र से ही काम करना शुरू कर दिया। वे स्कूल से आने के बाद एक चुना भट्टी में काम किया करते थे। आज हम आपको उनसे जुड़े कुछ ऐसे ही किस्से बताएंगे, जो उन्हें एक महान कलाकार के साथ एक बड़ा इंसान बनाता है।
गांव से है काफी लगाव
नाना पाटेकर एक दमदार अभिनेता हैं ये सभी लोग जानते हैं। उनके कुछ डायलॉग लोगों के जुबां पर याद है। लेकिन नाना जितने शानदार अभिनेता हैं, उससे कही ज्यादा वो एक शानदार इंसान हैं। नाना पाटेकर को गांव में रहना काफी पसंद है। वो मुंबई में बस सुटिंग के समय ही रहते हैं। वो ज्यादातर अपना समय अपने गांव या फिर गोवा में बिताते हैं।
फिल्म साइन करने वक्त झगड़ने का रखते हैं शर्त
नाना पाटेकर को लेकर उनके दोस्त और कई डायारेक्टर ये बताते हैं कि नाना जब भी कोई फिल्म साइन करते हैं उसके बाद वे एग्रीमेंट में एक शर्त जरूर जोड़ते हैं। जिसमें लिखा होता है कम से कम एक बार झगड़ा जरूर करूंगा। बतादें कि नाना के बारे में कहा जाता है कि वो जिस भी डायरेक्टर के साथ काम करते हैं उनके साथ उनका झगड़ा जरूर होता है। इस कारण से नाना एग्रीमेंट में ही डायरेक्टर को बता देते हैं कि मैं एक बार झगड़ा जरूर करूंगा।
मदद के लिए घर को रख दिया गिरवी
कहा जाता है कि नाना यारों के यार हैं। वो दोस्ती के लिए कुछ भी कर गुजरते हैं। ऐसा ही एक मामला निर्देशक एन. चंद्रा के मदद का है। जब उन्होंने उनकी मदद के लिए अपना घर गिरवी रख दिया था। हालांकि बाद में चंद्रा ने नाना के पूरे पैसे वापस कर दिए थे और उन्हें एख स्कुटर भी गिफ्ट किया था।
रेप सीन पर ताली बजी तो नाना ने शो को ही छोड़ दिया
नाना पाटेकर को सिंद्धातवादी अभिनेता माना जाता है। वो कई मुद्दों पर खुलकर बात करते हैं। एक बार तो उन्होंने एक शो बस इसलिए छोड़ दिया था क्योंकि उनके एक रेप सीन पर एक दर्शन ने ताली बजा दी थी। नाना इस बात से इतने नाराज हुए की उन्होंने उस शो को ही छोड़ दिया। उनका मानना था कि रेप जैसी चीजे समाजिक बुराई है। चाहे वो एक्टिंग में ही क्यों ना हो अगर कोई इसे देख कर ताली बजा रहा है तो ये ठीक बात नहीं है।
आर्मी से ली है ट्रेनिंग
नाना पाटेकर कोई भी किरदार अदा करते हैं तो वो पूरी तरीके से उसमें रच बस जाते हैं। वो किसी भी किरदार को निभाने के लिए अपनी जी जान लगा देते है्ं। यही कारण है कि उन्होंने फिल्म प्रहार की सुटिंग से पहले आर्मी की ट्रेनिंग ली थी। उन्होंने इसके लिए 3 महीने तक इंडियन आर्मी के कैंप में ही गुजारे थे और जब फिल्म सिल्बर स्क्रिन पे आई तो उनके किरदार मेजर प्रताप चौहान को खूब सराहा गया।