आप जब भी बीमार हो जाते है तो सबसे पहले आप डॉक्टर के पास अपना इलाज कराने जरूर जाते है। इलाज करने के बाद डॉक्टर आपको कुछ दवाईयां लिखकर देता है, जिन्हें आपको मेडिकल स्टोर से लेना होता है, लेकिन आपने देखा होगा की जब डॉक्टर पर्चा में दवाईयां लिखते है तो उनकी हैंडराइटिंग अलग ही होती है, जो हर कोई समझ नहीं पाता। डॉक्टरों की हैंडराइटिंग को या तो डॉक्टर या फिर मेडिकल स्टोर वाला ही समझ पाता है। ऐसे में कई लोगों का सवाल होता है कि आखिर डॉक्टर्स की हैंडराइटिंग खराब क्यों होती है? आइए आपको बताते है।
इसलिए खराब होती है हैंडराइटिंग
डॉक्टर्स की हैंडराइटिंग के खराब होने का सबसे बड़ा कारण समय की कमी होता है। क्येांकि डॉक्टरों को रोजाना कई मरीजों को देखना होता है। ऐसे में डॉक्टर्स के पास समय का अभाव होता है। ऐसे में वह हर मरीज को देख सके उनकी समस्या सुन सके और उनकी दवाईयों का पर्चा बना सके। इसी हड़बड़ी में डॉक्टरों की हैंडराइटिंग खराब हो जाती है। उदहारण के लिए जब हम किसी परीक्षा में बैठते है तो शुरूआत में तो हमारी हैंडराइटिंग अच्छी होती है, लेकिन जब परीक्षा का समय नजदीक आता है तो हम हड़बड़ी में जल्दी—जल्दी लिखने लगते है। जिसके चलते हमारी हैंडराइटिंग खराब हो जाती है। दरअसल, ऐसे समय में हमारे हाथों की मांसपेशियां लिखते लिखते थक जाती हैं, और हमारी हैंडराइटिंग खराब हो जाती है। ऐसा ही कुछ डॉक्टर्स के साथ होता है।
मेडिकल भी है जिम्मेदार
डॉक्टरों की हैंडराइटिंग को लेकर मेडिकल टर्म भी जिम्मेदार है। क्योंकि जब किसी दवा का नाम बड़ा हो और अजीब हो तो ऐसे में बिना स्पेलिंग चेक किए हुए लिखना काफी चुनौती पूर्ण होता है। लेकिन डॉक्टरों की लिखाई भले ही आपको समझ न आए लेकिन मेडिकल स्टोर वाले समझ जाते है।