Train Run Tracks : आजकल एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए भारतीय रेल सबसे बड़ा साधन बन गया है। आपने भी कई बार ट्रेन का सफर किया होगा। जब हम ट्रेन में सफर कर रहे होते है तो अक्सर हमारे मन में एक सवाल उठता है कि आखिरकार ट्रेन को सिर्फ पटरी (Train Run Tracks) पर ही क्यों चलाया जाता है। ट्रेन को सड़क पर क्यों नहीं चलाया जाता। ट्रेन को अलग से रोड़ बनाकर चलाया जा सकता है? तो आइए बताते है कि आखिर ट्रेन को पटरियों (Train Run Tracks) पर ही क्यों चलाया जाता है।
ट्रैन को पटरियों (Train Run Tracks) पर ही चलाया जाता है और इसके पीछे कुछ खास कारण होते है, जैसे ट्रैन का वजन सड़क पर चलने वाली गाड़ियों से कहीं अधिक होता है। जैसे कि एक भरे हुए ट्रक का वजन करीब 15 से 20 टन हो सकता है जबकि एक भारी हुई मालगाड़ी का वजन 100 टन से भी ज्यादा हो सकता हैं। इसके अलावा अगर बात की जाये ट्रक के पहिए की तो इनकी चौड़ाई करीब 10 इंच होती है। जबकि ट्रैन के पहिये (Train Run Tracks) की चौड़ाई 4 इंच होती है, यानि ट्रक के पहिए की चौड़ाई ट्रैन के पहिए करीब ढाई गुना ज्यादा होती है और इसका मतलब ये हुआ की ट्रेन के पहिए पर ढाई गुना ज्यादा दबाब झेलना पड़ता है। एक मालगाड़ी का पहिया ट्रक के पहिये की तुलना में 10 से 12 गुणा ज्यादा दबाव झेलता है।
इस हिसाब से अगर ट्रैन को चलाने के लिए सड़क बनाई भी जाये तो उसे 10-12 गुना ज्यादा मजबूत बनाना पड़ेगा और जिसमे काफी पैसा और समय लेगगा। जबकि मिट्टी इतना अधिक भार नही झेल सकती है और इसी वजह से पटरी के नीचे स्लीपर डालकर लोड को ज्यादा एरिया में फैलाया जाता है। इसके अलावा सड़क पर जो भी बड़ी-बड़ी गाड़ियां चलाई जाती है, उन सब में स्टीयरिंग होती है जो उनके अगले पहिये को कंट्रोल करती है, यानि उनके पहियों की दिशा स्टीयरिंग द्वारा कण्ट्रोल की जाती है। लेकिन ट्रैन में ऐसा नही है ट्रैन में दिशा को कंट्रोल पटरीयों द्वारा की जाती है, अगर पटरी नही होगी तो ट्रैन की दिशा को कंट्रोल नही किया जा सकता।
एक कारण है पटरियों और पहिए के बीच का घर्षण बल। बता दे की पटरियों और पहिए के बीच लगने वाला घर्षण बल, सड़क पर चलने वाले वाहन के पहिए के बीच लगने वाले घर्षण बल से काफी कम होता है। इसका मतलब हुआ की पटरियों पर कम बल लगाकर ज्यादा से ज्यादा भार खिंचा जा सकता हैं। तो कुल मिलाकर ट्रैन को सड़क पर चलाना संभव नही है। अगर सड़क पर ट्रेन चला भी ली जाती है तो वो सड़क एक बार में ही ख़राब हो जायेगी, साथ ही जिस तरह से ट्रेन अपने पहिये की मदद से पटरी बदल कर अपनी दिशा बदलती है, सड़क पर ऐसा करना संभव नही होगा।