भोपाल। मप्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। इस बार कांग्रेस सिर्फ 66 सीटों पर सिमट के रह गई। चुनावी नतीजों को देखते हुए पार्टी हाईकमान अब प्रदेश संगठन में बड़े बदलाव करने वाला है। हाल ही में प्रदेश के बड़े नेताओं और प्रभारी महासचिव के साथ हार के कारणों पर मंथन का एक दौर पूरा कर चुका है।
प्रदेश अध्यक्ष के पद आ सकता है नया चेहरा
बताया जा रहा है कि हार पर मंथन की समीक्षा बैठक से पहले कमलनाथ पीसीसी अध्यक्ष के पद से इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं। हालांकि उनके मीडिया एडवाइजर पीयूष बबेले ने एक्स पर एक बयान जारी कर कमलनाथ के इस्तीफे की खबरों को निराधार बताया है।
माना जा रहा है कि वे लोकसभा चुनाव 2024 तक पीसीसी अध्यक्ष बने रहना चाहते हैं। अब देखना है कि विधानसभा चुनाव में उन्हें फ्री हैंड देने वाली पार्टी हाईकमान उनका ये आग्रह मानता है या नहीं।
कांग्रेस प्रदेश संगठन में करेगी बदलाव
पार्टी की अंदरूनी जानकारी के मुताबिक हाईकमान अब पीसीसी चीफ और लीडर आफ अपोजीशन की जिम्मेदारी नए चेहरों को देकर प्रदेश में पार्टी के चेहरे और संगठन में बड़ा बदलाव चाहता है।
नेता प्रतिपक्ष का पद हुआ खाली
बता दें कि गोविंद सिंह जो कि कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष थे। वे इस बार चुनाव हार चुके हैं। जिससे विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद भी खाली हो गया है। इसको लेकर भी नए चेहरे की तलाश की जा रही है। एक तरफ जहां कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को लेकर मंथन कर रही है और दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष नया बनना तय है।
कमलनाथ छिंदवाड़ा से चुनाव जीते हैं। सबसे सीनियर विधायक होने के नाते वे नेता प्रतिपक्ष के प्रबल दावेदार हैं। लेकिन सूत्र बताते हैं कि वे इस पद को स्वीकार करेंगे इसकी संभावना बेहद कम है।
नेता प्रतिपक्ष के लिए इन नामों पर चर्चा
नेता प्रतिपक्ष के दावेदारों की बात करें तो सबसे पहला नाम अरुण यादव का आता है, उसके बाद उमंग सिंघार, जीतू पटवारी और कमलेश्वर पटेल जैसे नेता कतार में हैं।
इसके अलावा ओबीसी वर्ग के रामनिवास रावत नाम भी चर्चा में है। बाला बच्चन के साथ ही अगर पार्टी युवा चेहरे पर विचार करती है तो इस लिहाज से जयवर्धन सिंह नाम सबसे आगे है।
कांग्रेस ये दिग्गज नेता हारे चुनाव
इस बार वर्तमान और भविष्य की राजनीति के कई चेहरे जैसे डॉ. गोविंद सिंह, सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी, तरुण भनोत, कमलेश्वर पटेल, पीसी शर्मा चुनाव हार गए हैं।
क्षेत्रवार पांच कार्यकारी अध्यक्ष बना सकती है कांग्रेस
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय नेतृत्व, प्रदेश अध्यक्ष के अलावा क्षेत्रीय संतुलन बनाने के लिए पांच (ग्वालियर-चंबल, महाकौशल, बुंदेलखंड, बघेलखंड और मालवा-निमाड़) क्षेत्रों में कार्यकारी अध्यक्ष भी बना सकता है। इसके लिए क्षेत्र में ज्यादा सक्रिय और नए चेहरों को आगे लाने की रणनीति पर मंथन चल रहा है।
ओमकार सिंह मरकाम हो सकते हैं कार्यकारी अध्यक्ष
उन्होंने बताया कि महाकौशल आदिवासी बहुल इलाका है। यहां ओमकार सिंह मरकाम को प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। जानकार मानते हैं कि कांग्रेस यदि मध्य प्रदेश में गुजरात की तर्ज पर सामूहिक नेतृत्व पर फोकस करती है तो उसे लोकसभा चुनाव में फायदा हो सकता है।
भाजपा ने विधानसभा चुनाव में नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और कैलाश विजयर्वीय को मैदान में उतारकर कुछ इसी तरह का प्रयोग किया है।
ये हो सकते हैं प्रदेश अध्यक्ष के दावेदार
प्रदेश अध्यक्ष की रेस में पूर्व मंत्री उमंग सिंघार, पूर्व मंत्री जीतू पटवारी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव के नाम प्रदेश अध्यक्ष के लिए चर्चाओं में हैं। सिंघार चार बार के विधायक हैं और आदिवासी वर्ग से आते हैं। वहीं जीतू पटवारी हाल ही में विधानसभा चुनाव हारे हैं।
अरुण यादव भी लोकसभा के दो चुनाव लगातार हार चुके हैं। सिंघार और पटवारी ये दोनों ही राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं। इसके साथ ही सीधी जिले की चुरहट विधानसभा सीट से चुनाव जीते पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का नाम भी प्रदेश अध्यक्ष के लिए चर्चा में चल रहा है।
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