Who was Lavanasura: जब भगवान श्रीराम अयोध्या के राजा बन चुके थे तब श्रीराम का राजदरबार सभी के लिए खोल दिया गया था। अयोध्या की प्रजा उनके पास अपनी समस्याएं लेकर आती थी और न्याय मांगती थी। अयोध्या का राजमहल केवल अयोध्यावासियों के लिए ही नही बल्कि भारतवासियों के लिए खुला था। जिसके चलते श्रीराम के दरबार में मथुरा से कुछ संत व ऋषि-मुनि सहायता मांगने आए थे। तब श्रीराम ने अपने सबसे छोटे भाई शत्रुघ्न को मथुरा जाकर उनकी समस्या का समाधान करने का आदेश दिया था। इसके बाद शत्रुघ्न को मथुरा का राजा नियुक्त कर दिया गया।
मथुरा में था लवणासुर का आतंक!
ऋषि चवन ने महाराज राम को बताया कि मथुरा का राजा लवणासुर (Who was Lavanasura) जो मधु नाम के दैत्य का पुत्र हैं। वह मथुरा में रहने वाले ऋषि मुनियों को मार कर खा जाता हैं। वहां रहने वाले ऋषि मुनियों ने आसपास के कई राजाओं से सुरक्षा करने की गुहार लगाई, लेकिन सभी लवणासुर के पास भगवान शिव के त्रिशूल के होने से भय खाते थे। इसलिये कोई भी राजा लवणासुर (Who was Lavanasura) से टकराने का कदम नहीं उठाता था।
लवणासुर के पास था शिव का त्रिशूल?
लवणासुर (Who was Lavanasura) के पिता मधु एक दैत्य होने के साथ ही धर्माता भी थे। वे रोजाना ब्राह्मण सेवा करते तथा असहाय लोगों की रक्षा करते थे। उनकी भक्ति तथा तपस्या से प्रसन्न होकर भगवन शिव ने उन्हें अपने त्रिशूल में से एक त्रिशूल निकाल कर दे दिया था। उन्होंने मधु से कहा कि इस त्रिशूल से उसे सदा विजय मिलेगी और यह उनके शत्रुओं का विनाश करके उनके पास वापस लौट आएगा। इस पर महाराज मधु ने स्वयं की मृत्यु के पश्चात वह त्रिशूल सदा उनके वंशजों के पास रहे ऐसा वरदान मांगा। भगवान शिव ने यह वरदान देने से तो मना कर दिया लेकिन कहा कि उनकी मृत्यु के पश्चात यह त्रिशूल केवल उनके एक पुत्र के पास रहेगा तथा उसकी मृत्यु के पश्चात भगवान शिव के पास लौट आएगा।
शत्रुघ्न को बनाया मथुरा का राजा
लवणासुर (Who was Lavanasura) का वध करने के लिए श्रीराम ने अपने सबसे छोटे भाई शत्रुघ्न का चुनाव किया तथा उसे मथुरा जाकर उससे युद्ध करने का आदेश दिया। इसके साथ ही उन्होंने शत्रुघ्न को मथुरा का नया राजा भी नियुक्त कर दिया क्योंकि लवणासुर (Who was Lavanasura) के मरने के बाद मथुरा राजाविहीन हो जाती। ऐसे में वहां की प्रजा को एक नए राजा की आवश्यकता होती। इसके साथ ही भगवान श्रीराम ने शत्रुघ्न को भगवान विष्णु का एक बाण दिया जिससे लवणासुर (Who was Lavanasura) का वध किया जा सके। उन्होंने लवणासुर (Who was Lavanasura) पर तब आक्रमण करने को कहा जब उसके पास भगवान शिव का दिया हुआ त्रिशूल न हो।
शत्रुघ्न ने किया लवणासुर का वध
भगवान श्रीराम का आदेश पाकर शत्रुघ्न मथुरा गए तथा लवणासुर (Who was Lavanasura) से युद्ध किया। युद्ध के दौरान शत्रुघ्न ने लवणासुर (Who was Lavanasura) का वध कर दिया। लवणासुर के मरते ही वह त्रिशूल भगवान शिव के पास चला गया। इसके पश्चात शत्रुघ्न मथुरा के नए राजा बने और वहां का राज सिंहासन संभाला।