Dr Gulab Chaurasiya: शिक्षक शिक्षा के पितामह कहे जाने वाले विश्व विख्यात शिक्षाविद डॉक्टर गुलाब चौरसिया मध्य प्रदेश में शिक्षकों का रचनात्मक मैत्री समूह” शिक्षक संदर्भ समूह” आज जिस रचनात्मक रूप में काम कर रहा है उसकी वैचारिक पृष्ठभूमि देश के सुप्रसिद्व शिक्षाविद् डॉ गुलाब चौरसिया जी ने वर्ष 1995 में तैयार कर दी थी।
शिक्षक शिक्षा के पितामह कहे जाने वाले विश्व विख्यात शिक्षाविद् डॉक्टर गुलाब चौरसिया ने अपने शैक्षिक विचारों में हमेशा कहा कि”अगर भारतीय शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाना है तो हमें भारतीय शिक्षा सेवा यानी इंडियन एजुकेशन सर्विस को तुरंत स्थापित करना चाहिए, ताकि शिक्षा तंत्र को पूर्णकालिक, सुयोग्य और संवेदनशील प्रशासक मिल सकें।”
वर्ल्ड काउंसिल फॉर एजुकेशनल एडमिनिस्ट्रेशन के आजीवन सदस्य
डॉक्टर चौरसिया ऐसे पहले भारतीय थे, जिन्हें वर्ल्ड काउंसिल फॉर एजुकेशनल एडमिनिस्ट्रेशन का फैलो और आजीवन सदस्य चुना गया। ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ एजुकेशनल एसोसिएशन के दो बार अध्यक्ष रहे डॉक्टर चौरसिया ने एजुकेशनल इंटरनेशनल के माध्यम से दुनिया भर के शिक्षकों को गरिमा और प्रतिष्ठा दिलाने की भरपूर कोशिश की।
वे वर्ल्ड काउंसिल आफ करिकुलम एंड इंस्ट्रक्शन के अध्यक्ष बने और उन्होंने भारत के लिए विशिष्ट गौरव प्राप्त किया।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा जब क्षेत्रीय शिक्षा महाविद्यालय अजमेर, भोपाल, भुवनेश्वर और मैसूर में 4 वर्षीय एकीकृत पाठ्यक्रम का परिवर्तन किया जा रहा था। तो डॉक्टर चौरसिया को इसके प्रबंधन और पर्यवेक्षण का कार्य एनसीईआरटी द्वारा सौंपा गया और उनके काम को भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा विशेष रुप से सराहा गया था।
भारत सरकार के शिक्षा मंत्री एमसी छावला ने इस योजना की भरपूर सराहना की और डॉक्टर चौरसिया को एनसीईआरटी के मुख्यालय नई दिल्ली में स्थानांतरण करके प्रशिक्षण कार्यक्रम को आगे बढ़ाने हेतु अवसर प्रदान किया।
डॉक्टर चौरसिया द्वारा मध्यप्रदेश में अनेक शैक्षिक योजनाएं जैसे शिक्षकों की शिक्षा, शिक्षकों की कल्याणकारी योजनाएं, शैक्षिक पत्रकारिता, सेवारत प्रशिक्षण, पढ़ो और कमाओ योजना इत्यादि तैयार कर लागू कराई गई। इन योजनाओं में पालकों और विद्यार्थियों दोनों को समान रूप से लाभ प्राप्त हुआ।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के निर्देशानुसार डॉक्टर चौरसिया ने मध्यप्रदेश में स्टेट बोर्ड आफ टीचर एजुकेशन एसबीटीई की स्थापना की और पलाश नामक पत्रिका शिक्षकों के अकादमिक कार्यों को पहचान दिलाने के लिए वर्ष 1970 से 1980 तक डॉक्टर चौरसिया ने पत्रिका की जिम्मेदारी का निर्वाह किया।
मीडिया सेंटर की स्थापना की
कैनेडियन टीचर्स फेडरेशन (सीटीएफ) के सहयोग से डॉ चौरसिया ने भोपाल में वर्ष 1976 में मीडिया सेंटर की स्थापना की। इसके जरिए हजारों शिक्षकों को शिक्षा तकनीकी में प्रशिक्षित किया। 80 से ज्यादा कैनेडियन टीचर्स इस प्रभावी योजना में भाग लेने के लिए मध्यप्रदेश आए। मीडिया सेंटर भोपाल की सिफारिश पर कैनेडियन टीचर्स फेडरेशन ने चुने हुए टीचर्स को विदेशों में अध्ययन करने हेतु छात्रवृत्ति दी।
अपने संपूर्ण सेवाकाल में डॉक्टर चौरसिया ने शिक्षक संगठनों और शिक्षक कल्याण के क्षेत्र में अत्यधिक रूचि लेते हुए भारतीय शिक्षा सेवा की स्थापना के लिए सतत प्रयास किया। साथ ही शिक्षकों की व्यवसायिक क्षमता वृद्धि और शिक्षक कल्याण के लिए उन्होंने विश्व शिक्षक दिवस के आयोजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
डॉ गुलाब चौरसिया का जन्म
25 जून 1920 को जबलपुर में जन्मे डॉ गुलाब चौरसिया 3 अक्टूबर 2010 को चलते-फिरते देव लोक चले गए। उन्होंने मानव अधिकार शिक्षा और शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान किया और उनके कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए मध्य प्रदेश में काम करने वाले शिक्षाविदों, शिक्षकों और शिक्षक-प्रशिक्षकों ने मिलकर शिक्षकों के रचनात्मक मैत्री समूह शिक्षक संदर्भ समूह का गठन किया।
सुरेंद्र नाथ दुबे, शरद चंद्र बेहार और प्रोफेसर रमेश दवे के नेतृत्व और मार्गदर्शन में शिक्षकों की सशक्तिकरण प्रक्रिया के तहत गठित इस समूह ने शिक्षकों के गिरते मनोबल को बनाने और बढ़ाने का काम अपने हाथ में लिया। ताकि शिक्षकों के मन में अपने प्रमुख कार्य कक्षा शिक्षण के प्रति सम्मान का भाव और अपने काम पर भरोसा करने लायक आत्मविश्वास विकसित हो सके।
शिक्षक संदर्भ समूह क्यों है खास
शिक्षक संदर्भ समूह अर्थात शिक्षकों का ऐसा समर्थ समूह जो शिक्षकों के साथ मित्रवत कार्य करते हुए शिक्षकों के माध्यम से शैक्षिक बदलाव के लिए कृत संकल्पित है। शिक्षक संदर्भ समूह शासकीय शालाओं के आंतरिक रूपांतरण की व्यवहारिक पहल करते हुए वास्तविक परिणाम तक पहुंचने की दिशा में अग्रसर है।
शिक्षक संदर्भ समूह शिक्षकों का एक ऐसा प्रतिबद्ध और रचनात्मक समूह है। जिसे शिक्षकों की कार्यक्षमता योग्यता और रचनात्मकता पर पूरा भरोसा है यह शिक्षकों का एक ऐसा व्यावहारिक मंच है जिसके माध्यम से शिक्षक आत्म मूल्यांकन कर अपनी क्षमता में वृद्धि करते हुए स्वयं अपने कार्य व्यवहार में परिवर्तन ला सकते हैं।
शिक्षक संदर्भ समूह शिक्षकों का शिक्षकों द्वारा शिक्षकों के लिए गठित ऐसा असरकारी समूह है, जो शिक्षकों की आलोचना करने या सुनने की अपेक्षा उनकी कार्यक्षमता में वृद्धि के लिए सतत क्रियाशील है, ताकि सभी शिक्षक अपनी वास्तविक क्षमताओं से रूबरू होकर कार्यक्षम बन सके।
शिक्षक संदर्भ समूह का गठन शिक्षकों के प्रति समाज और सरकार में बढ़ते नकारात्मक विचारों का दृढ़ता पूर्वक प्रतिवाद करने, शिक्षकों के मध्य परस्पर मित्र भाव विकसित करने, शिक्षकों के उत्कृष्ट कार्यों को लोक व्यापी करने, शिक्षकों के मन में अपनी बात कहने सुनने के लिए एक सशक्त मंच के रूप में किया गया।
इस समूह ने शिक्षकों की वास्तविक जरूरतों को समझने और उन्हें सही समय पर पूरा करने के लिए एक सशक्त कार्य दल के रूप में प्रभावी और परिणाम मूलक काम किया है।
शिक्षक संदर्भ समूह की उपलब्धियां
शिक्षक संदर्भ समूह की उपलब्धियों में मध्य प्रदेश की लोक भाषाओं का संग्रह करना, शिक्षक दिवस के रूप में विश्व शिक्षक दिवस का आयोजन करना, 3 जनवरी को मूल कर्तव्य दिवस मनाना, 15 नवंबर को गिजूभाई जयंती , मानव अधिकार दिवस, महिला दिवस ,जनसंख्या दिवस के अवसर पर शैक्षिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हुए शिक्षकों को प्रोत्साहित किया जाना शामिल है।
समूह द्वारा प्रख्यात शिक्षाविद डॉक्टर गुलाब चौरसिया स्मृति सम्मान की स्थापना कर, 5 अक्टूबर को विश्व शिक्षक दिवस के अवसर पर समारोह पूर्वक सम्मान भेंट करने की परंपरा निरंतर जारी है।
समूह की ओर से महिला शिक्षकों की अनुभूतियों को नारी जीवन का संघर्ष और चुनौतियां तथा शिक्षकों के अपने अनुभवों की शैक्षिक यात्रा को शिक्षकों की शैक्षिक यात्रा के रूप में प्रकाशित किया गया है।
इस यात्रा में शिक्षकों ने महत्वपूर्ण विचारों में लिखा कि”शिक्षक बनना और शिक्षक हो जाना अलग-अलग बातें हैं।”
यदि शासन तंत्र कार्यरत शिक्षकों की वास्तविक सामर्थ का सदुपयोग करें, तो सभी स्थानों पर शिक्षा के परिणाम अपेक्षित हो सकते हैं। शिक्षकों द्वारा किए जा रहे अनेक नवा चारों से अब सरकारी विद्यालयों की विश्वसनीयता बढ़ रही है। यही शिक्षक संदर्भ समूह की सफलता कही जा सकती है।
5 अक्टूबर विश्व शिक्षक दिवस के आयोजन की पृष्ठभूमि में शिक्षक गरिमा का प्रतिस्थापन संबंधी अंतरराष्ट्रीय अनुशंसा है। इन्हीं अनुशंसा पर चर्चा और उनके क्रियान्वयन के संदर्भ में विश्व शिक्षक दिवस का आयोजन महत्वपूर्ण है। 1966 में यूनेस्को द्वारा स्वीकृत अनुशंसा को केंद्रीय सरकार और राज्य सरकारों द्वारा विचार का विषय बनाना चाहिए।
समूह द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन में शिक्षकों की भूमिका एवं उत्तरदायित्व विषय पर कई संगोष्ठी का आयोजन अत्यंत विचार पूर्वक किया जा रहा है, जिसमें समूह की परिकल्पना करने वाले और समूह को निरंतर सहयोग देने वाले संगठन एड एड एक्शन की क्षेत्रीय निदेशक श्री रवि प्रताप सिंह जी भी मुख्य रूप से सहभागी हुए।
अनेक शिक्षाविदों और शिक्षा की नीति के क्रियान्वयन करने वालों की सहभागिता शिक्षक संदर्भ समूह की व्यापकता को और अधिक विस्तार देने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
शिक्षक संदर्भ समूह अब मध्य प्रदेश के साथ-साथ छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमांचल, राजस्थान,असम और दिल्ली के शिक्षकों के साथ कदम से कदम मिलाते हुए अपने राष्ट्रीय स्वरूप को बढ़ाने और बनाने की दिशा में अग्रसर है।
समूह के संस्थापक समन्वयक दामोदर जैन कहते हैं कि शिक्षक संदर्भ समूह गिजूभाई के विचारों और कार्यों को निरंतर आगे बढ़ाने की दिशा में क्रियाशील है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में शिक्षक संदर्भ समूह के साथी भावनगर गुजरात की यात्रा कर चुके हैं और अब विद्यालय को आनंद घर बनाने के लिए समूह के साथी आनंद पूर्ण शिक्षा की दिशा में प्रयासरत हैं।
हमारे मार्गदर्शक प्रोफेसर जेएस राजपूत और शरद चंद्र बेहर द्वारा शिक्षकों को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से दिया गया। मार्गदर्शन भविष्य में शैक्षिक बदलाव के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
शिक्षक संदर्भ समूह द्वारा संचालित अभियान मेरा विद्यालय मेरी पहचान अंतर्गत विद्यालय को आनंद घर में रूपांतरित करने वाले शिक्षकों को शिक्षाविद् गिजू भाई सम्मान से सम्मानित करते हुए समूह द्वारा अब सरकारी विद्यालयों को असरकारी बनाने की दिशा में निर्णायक भूमिका निभाई जा रही है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति का शिक्षकों के माध्यम से क्रियान्वयन हेतु समूह शिक्षकों को तैयार कर रहा है। 22 और 23 जून 2024 को समूह द्वारा शिक्षाविद् डॉ गुलाब चौरसिया शताब्दी समारोह और शिक्षाविद् गिजू भाई जी का पुण्य स्मरण दिवस समारोह के अवसर पर राष्ट्रीय शिक्षा महोत्सव आयोजित किया जा रहा है।
इस अवसर पर देश भर से 300 शिक्षकों और शिक्षाविदों की सहभागिता सम्भव है।
लेखक “डॉ दामोदर जैन” NCERT के पूर्व सदस्य और शिक्षक संदर्भ समूह के संस्थापक समन्वयक हैं।