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किसने बनाई AK-47, कैसे पड़ा इसका नाम, जानिए इसका रोचक इतिहास

किसने बनाई AK-47, कैसे पड़ा इसका नाम, जानिए इसका रोचक इतिहास Who made AK-47 how it got its name know its interesting history vkj

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Bansal News
किसने बनाई AK-47, कैसे पड़ा इसका नाम, जानिए इसका रोचक इतिहास

AK-47 हथियार पुलिस और सेना के जवानों का प्रमुख और सबसे बड़ा हथियार है। साल 1947 से पहले AK-47 बंदूक बनकर तैयार नहीं हुई थी। उस समय कुछ ऐसे हथियार थे जिन्हें बार बार लोड करने के लिए खींचना होता था। यानी एक गोली को दागने के लिए एक प्रोसेस से गुजरना होता था। उस समय मिखाइल क्लाश्निकोव जोकि कवि थे। उनका मानना था कि बंदूक से गोली दागने के लिए उसे लोड करने के लिए बार बार उसका लीवर खींचना पड़ता है। क्यो न एक ऐसा हथियार बनाया जाए जो ऑटोमेटिक हो। इसके बाद मिखाइल क्लाश्निकोव ने AK-47 बंदूक बनाने का काम शुरू कर दिया।

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कौन थे मिखाइल क्लाश्निकोव?

AK-47 बनाने वाले मिखाइल क्लाश्निकोव एक महान कवि थे। उनकी कई कविताएं छप चुकी है। वह जब 19 साल के थे तब ही वह सेना में भर्ती हो गए थे। सेना में भर्ती होने के बाद साल 1941 में वर्ल्ड वॉर-2 के दौरान हिटलर ने सोवियत संघ पर हमला कर दिया था। उस समय मिखाइल क्लाश्निकोव टैंक चला रहा थें। उसी दौरान उनके टैंक में आग लग गई, और वह घायल हो गए। इसके बाद जब वह ठीक हुए तो उन्होंने AK-47 बनाने का काम शुरू कर दिया। बता दें कि मिखाइल क्लाश्निकोव ने AK-47 28 साल की उम्र में ही बनाकर तैयार कर दी थी। साल 2013 में मिखाइल क्लाश्निकोव का 94 साल की उम्र में निधन हो गया था।

कैसे पड़ा AK-47 का नाम

AK-47 एक ऑटोमेटिक मशीनगन है। AK-47 को कई टेक्नोलॉजी को ध्यान में रखते हुए बनाई गई थी। AK-47 का डिजाइन ऐसा बनाया गया था कि अधिक ठंडे इलाके में वह आसानी से काम कर सके। AK-47 का नाम रखने के लिए ऑटोमेटिक, मिखाइल क्लाश्निकोव से क्लाश्निकोव शब्द लिया गया। इसे साल 1947 में तैयार किया गया था इसलिए 47 लिया गया। इस तरह इसका पूरा नाम AK-47 हो गया। आमतौर पर AK-47 की लाइफ 20-40 साल तक होती है, हालांकि इसके रखरखाव पर भी निर्भर करता है। AK-47 से सटीक निशाना लगे इसके लिए इसमें पीछे और आगे गेज दिए गए होते हैं। जिसमें देखकर सटीक निशाना लगाने में आसानी होती है।

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