UPSC Chairman: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को नई अध्यक्ष मिल गई हैं। पूर्व चेयरमैन महेश सोनी ने कुछ दिन पहले ही अपने पद से अचानक इस्तीफा दे दिया था। महेश सोनी ने इस्तीफे की वजह व्यक्तिगत कारणों को बताया था।
उनके इस्तीफा देने के बाद लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा था कि अब UPSC की बागडोर कौन संभालेगा? तो अब वह इंतजार समाप्त हो गया है। UPSC की नई चेयरमैन के नाम का खुलासा हो चुका है। रिटायर्ड IAS अफसर प्रीति सूदन (UPSC Chairman) को UPSC का अगला चेयरमैन नियुक्त किया गया है। चलिए आपको बताते हैं आखिर कौन हैं प्रीति सूदन, जो बनीं हैं नई अध्यक्ष।
आंध्र प्रदेश कैडर की IAS अधिकारी रह चुकी हैं सूदन
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की नई अध्यक्ष प्रीति सूदन हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं। उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से एम,फिल की डिग्री हासिल की है। इसके बाद उन्होंने सामाजिक नीति एवं नियोजन में एमएससी की डिग्री भी ली हैं। साल 1983 में प्रीति सूदन ने यूपीएससी की परीक्षा दी थी और उन्हें आंध्र प्रदेश कैडर की IAS अधिकारी (UPSC Chairman) नियुक्त किया गया था।
37 साल तक अलग-अलग विभाग में किया काम
1983 बैच की IAS अधिकारी प्रीति सूदन आंध्र प्रदेश कैडर में सर्विस देने के बाद उन्होंने कई केंद्रीय मंत्रालयों में कार्य किया है। प्रीति सूदन (UPSC Chairman) वर्ल्ड बैंक और WHO जैसी संस्थाओं का भी हिस्सा रह चुकी हैं। उन्होंने 37 साल तक अलग-अलग विभागों में कार्य करने के बाद साल 2020 में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के पद से रिटायर हुईं। साल 2022 में वह UPSC की सदस्य बनीं और अब उन्हें UPSC का नया चेयरमैन चुना गया है।
केंद्र सरकार की बड़ी योजनाओं में अहम योगदान
1983 बैच की आईएएस अधिकारी रह चुकी प्रीति सूदन (UPSC Chairman) ने कई बड़े विभागों की बागडोर संभाली है। प्रीति महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग में सचिव रह चुकीं हैं। प्रीति सूदन वर्ल्ड बैंक में कंसल्टेंट भी रही हैं।
बता दें कि केंद्र सरकार की कई बड़ी योजनाओं में प्रीति सूदन का अहम योगदान रहा है। उन्होंने बेटी बचाओं बेटी और आयुष्मान भारत मिशन में प्रीति सूदन ने काफी अहम भूमिका निभाई है। वहीं, ई-सिगरेट पर पाबंदी लगाने के पीछे भी प्रीति सूदन का अहम योगदान रह चुका है।
कोरोना महामारी के दौरान बटोरी थीं सुर्खियां
कोरोना महामारी के दौरान प्रीति सूदन (UPSC Chairman) स्वास्थ्य मंत्रालय में केंद्रीय सचिव का पद संभाल रही थीं। इस दौरान उन्होंने काफी सुर्खियां बटोरी थीं। कोरोना महामारी के दौरान प्रीति सूदन ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर प्रवासी मजदूरों की देखभाल करने की सिफारिश की थी। वह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के इंडिपेंडिंट पैनल की सदस्य भी थीं।
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