लखनऊ : उत्तरप्रदेश में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ ने यूपी के सारे मिथक को तोड़कर एक बार फिर से सरकार बनाने का रिकॉर्ड बना लिया है। चुनाव से पहले जारी हुए एग्जिट पोल भी खरे उतरे। लेकिन यूपी में योगी-मोदी की लहर में उत्तरप्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को हार का मुंह देखना पड़ा। केशव प्रसाद मौर्य यूपी की सिराथू सीट से चुनाव हार गए है। मौर्य को सपा की पल्लवी पटेल ने करारी मात दी है। मतगणना की शुरूआत में तो केशव प्रसाद मौर्य बढ़त बनाए रहे, लेकिन आखिरी राउंडों में पल्लवी ने मौर्य को ऐसी पटखनी दी की मौर्य आगे नही निकल सके। सिराथू सीट से सपा की उम्मीदवार पल्लवी पटेल को कुल 1 लाख 6 हजार 278 वोट मिले जबकि केशव प्रसाद मौर्य को 98 हजार 941 वोट मिले।
ऐन वक्त पर मैदान में आई थी पल्लवी
सिराथू विधानसभा से बीजेपी ने केशव प्रसाद मौर्य को मैदान में उतारा था। केशव प्रसाद मौर्य को घेरने के लिए अखिलेश यादव ने पल्लवी पटेल को चुनाव को दो हफ्ते पहले ही मैदान में उतारा था। हालांकि पल्लवी को यह चुनाव जीतना आसान नहीं था। क्योंकि पल्लवी के सामने राज्य का डिप्टी सीएम उम्मीदवार था। लेकिन पल्लवी ने हिम्मत से काम लिया। पल्लवी ने चुनावी मैदान में उतरते ही सबसे पहले बेरोजगारी मुद्दे को उठाया। इसके अलावा पल्लवी ने महिलाओं को साधने के लिए अपने आप को कौशांबी की बहू बताकर माहौल अपनी ओर कर लिया। केशव प्रसाद मौर्य को मात देने के लिए पल्लवी के पक्ष में अखिलेश यादव, डिंपल यादव और जया बच्चन जैसे दिग्गज नेताओं ने चुनावी रैलियां की।
कौन हैं पल्लवी पटेल?
राज्य के डिप्टी सीएम को करारी हार देने वाली पल्लवी पटेल दरअसल, बीजेपी से गठबंधन वाली अनुप्रिया पटेल की बहन है। पल्लवी पटेल के पति का सोनेलाल पटेल यूपी की राजनीति के बड़े नेताओं में से एक थे। सोनेलाल पटेल को मायावती का काफी करीबी माना जाता है। सोनेलाल पटेल ने ही अपना दल की स्थापना की थी। जिसकी कमान उनकी पत्नी कृष्णा पटले ने संभाली। बाद में पार्टी की कमान उनकी बेटी पल्लवी पटेल को सौंप दी गई, जो आज तक संभाले हुए है। साल 2009 में सोनेलाल पटेल का निधन हो गया था। साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान अनुप्रिया पटेल ने अपनी ही पार्टी से बगावत कर दी थी। जिसके बाद अनुप्रिया पटेल को पार्टी से निकाल दिया था। इसके बाद साल 2016 में अनुप्रिया ने अपनी नई पार्टी बनाई।