मध्यप्रदेश में नए DGP की नियुक्ति को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। राज्य में नए पुलिस महानिदेशक के नाम को लेकर कई नाम सामने आने शुरू हो चुके है। नए डीजीपी के नामों की पैनल में तीन उच्चतम अधिकारियों के नाम सामने आए है जो 1987 और 1988 आईपीएस बैच के बताए जा रहे है। जिनमें से राज्य सरकार को एक अधिकारी के नाम पर मोहर लगाना है।
दरअसल, मध्य प्रदेश के डीजीपी विवेक जौहरी का कार्यकाल छह मार्च को खत्म हो रहा है। जिसके चलते राज्य सरकार को DGP जौहरी के कार्यकाल खत्म होने से पहले नए पुलिस महानिदेशक के नाम को फाइनल करना है। कमलनाथ सरकार ने जौहरी को दो साल का एक्सटेंशन दिया था। उनके सेवानिवृत्ति के बाद नए डीजीपी की तलाश शुरू कर दी गई है। खबरों की माने तो यूपीएससी से वरिष्ठता और रिकॉर्ड के आधार पर कुछ चुनिंदा अधिकारियों के नाम पैनल में शामिल किए गए है। जिसमें से राज्य सरकार एक नाम तय करेगी।
पैनल में इन तीन अधिकारियों का नाम आगे
खबरों के अनुसार बताया जा रहा है कि यूपीएससी से राज्य सरकार को नए डीजीपी के नामों का पैनल मिला है। जिनमें तीन अधिकारियों के विकल्प भी दिए गए हैं। तीनों अधिकारी 1987 और 1988 बैच के हैं। जिनमें 1987 बैच के सुधीर कुमार सक्सेना और पवन जैन है। वही तीसरे 1988 बैच के अधिकारी अरविंद कुमार का नाम सामने आया है। डीजीपी की दौड़ में तीन और अधिकारी भी बताए जा रहे है। अरुणा मोहन राव, शैलेष सिंह व राजेंद्र कुमार मिश्रा शामिल हैं।
सक्सेना बन सकते है डीजीपी?
माना जा रहा है कि राज्य सरकार नए डीजीपी के पद पर सुधीर कुमार सक्सेना का नाम फाइनल कर सकती है। सुधीर सक्सेना की डीजीपी पद के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे है। क्योंकि सुधीर सक्सेना वरिष्ठता है और डीजीपी बनाए जाने पर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के लिए अपनी सहमति दे दी है।
कौन है आईपीएस सुधीर सक्सेना
आईपीएस अधिकारी सुधीर कुमार सक्सेना सीआईएसएफ CISFके महानिदेशक पद का अतिरिक्त प्रभार संभाल चुके है। वह मध्य प्रदेश कैडर और 1987 बैच के IPS अधिकारी हैं। सक्सेना मध्य प्रदेश में IG इंटेलिजेंस पद पर कार्य कर चुके हैं। इसके आलावा सुधीर सक्सेना मध्य प्रदेश के रायगढ़, छिंदवाड़ा, रतलाम, जबलपुर जिलों में पुलिस अधिक्षक रह चुके है। साल 2002 में उन्हें सीबीआई में नियुक्ति किया गया था। सक्सेना ने सीआईएसएफ में 22 जून 2018 को अतिरिक्त निदेशक के तौर पर जॉइन किया था।
आपको बता दें कि राज्य सरकार का कहना है कि DGP पद के लिए अधिकारियों की जानकारी UPSC को भेजे जाने का मामला उच्च स्तर पर विचाराधीन है। नामों का पैनल अभी प्रेषित नहीं किया गया है। सोशल मीडिया पर जो खबरे आ रही है वह तथ्यहीन है।