Pitru Paksha 2023: बहुत जल्द गणेश उत्सव शुरू होने वाले हैं। इसके बाद शुरू हो जाएंगे पितृ पक्ष। ऐसे में सभी लोग अपने पितरों की शांति के लिए तर्पण और पिंड दान करेंगे। इसी के साथ पितरों की तिथियों के अनुसार श्राद्ध का सिलसिला शुरू हो जाएगा। लोग घरों में अपने पितरों की फोटो भी लगाते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं घर में पितरों की फोटों लगाने की सही दिशा क्या है। किस दिशा में लगाने से पितृ प्रसन्न होते हैं। जानते हैं पंडित राम गोविंद शास्त्री से।
इन जगहों पर न लगाएं फोटो
आप जब भी घर में पितरों की तस्वीर लगाएं उसके लिए हमेशा दक्षिण दिशा में ही लगाएं। प्रतिदिन अपनी गलती के लिए क्षमा प्रार्थना करें। वास्तु के अनुसार, यदि घर की हर चीज को एक सही दिशा में रखा जाए तो इसके शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। पितरों को तस्वीर बेडरूम, रसोईघर और पूजा घर में लगाना वर्जित है। ऐसा करने से आपको पितरों की नाराजगी झेलना पड़ सकती है। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको पितृ दोष का सामना करना पड़ सकता है।
ऐसे पता करें कि आपको तो नहीं पितृदोष
कुंडली में पितृ दोष होने से व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए जब कभी जीवन में समस्याएं आती हैं तो ज्योतिषाचार्य कुंडली में सबसे पहले पितृदोष देखते हैं। जिसके अनुसार पितृ दोष को अशुभ फल देने वाला दोष माना गया है। जिनकी कुंडली में यह दोष होता है। उनके हर कार्य में बाधा आती है। मान सम्मान बढ़ता नहीं है। जीवन भरी की जमा पूंजी नष्ट हो जाती है। विभिन्न बीमारियां भी घेरने लगती हैं।
कब मनाएं पितरों का श्राद्ध
वैसे तो घर के बड़ों का इस बात का पता होता है कि पितरों का श्राद्ध कब है। या जिस दिन उन्हें मुखाग्नि दी जाती है। उसी दिन श्राद्ध मनाया जाता है। लेकिन फिर भी अगर आपको इसके बारे में नहीं पता है। तो इसके लिए सर्व पितृ अमावस्या पर उनका श्राद्ध किया जा सकता है।
क्या है श्राद्ध का महत्व
पितरों का तर्पण न होने से उन्हें मुक्ति नहीं मिलती इसलिए उनकी मुक्ति के लिए तर्पण करना जरूरी होता है। पितृ पक्ष में श्राद्ध और तर्पण का कार्य पितरों की शांति के लिए किया जाता है। तर्पण कर पितरों का आशीर्वाद लेने से जीवन में आने परेशानियों से दूर हो जाती हैंं।
आखिर क्यों लगता है पितृ दोष
1 – अगर परिवार में बुजुर्गो की विदाई के बाद उनका विधि विधान से अंतिम संस्कार न किया जाए तो इस स्थिति में पितृ दोष लगता है।
2 – किसी की अकाल मृत्यु हो जाए तो इस स्थिति में भी लोगों को कई पीढ़ियों तक पितृ दोष का सामना करना पड़ता है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो पितृ दोष को अच्छा नहीं माना जाता। उनके जीवन में वह दुर्भाग्य लेकर आता है।
3 – अगर व्यक्ति अपने माता-पिता का अनादर करता है। मृत्यु के बाद भी परिजनों का पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध आदि नहीं करता है तो इस स्थिति में पितृ दोष लगता है।
4 – क्या आप जानते हैं कि नीम, पीपल, बरगद के पेड़ काटने पर भी आपको पितृ दोष का सामना करना पड़ सकता है। वो इसलिए क्योंकि इन वृक्षों में पितरों का वास माना जाता है।
पितृ दोष को दूर करने के उपाय
अगर आपको लगता है कि पितृ दोष है इस स्थिति में पितरों के नाम से तर्पण और श्राद्ध करना चाहिए। साथ ही ब्राहृणों को दान देना चाहिए।
रोजाना दोपहर में पीपल के वृक्ष की पूजा, गंगाजल में काले तिल, दूध, अक्षत और फूल डालकर चढ़ाएं।
पितृ पक्ष में प्रतिदिन घर में शाम के समय दक्षिण दिशा में तेल का दीपक लगाएं।
ऐसा रोजाना भी कर सकते हैंण् इससे पितृ दोष खत्म हो जाता है।
किसी गरीब, असहाय व्यक्ति को या गरीब कन्या को विवाह में मदद करने से पितर खुश होते हैं। ऐसा करने से पितृ दोष शांत होने लगता है।
नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। किसी भी जानकारी को अमल में लाने के पहले विषय विशेषज्ञ की सलाह ले लें।
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