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Mumbai Marine Drive: सपनों की मायानगरी कही जाने वाली मुंबई में फिल्मों के अलावा यहां की खूबसूरत जगहें भी बेहद खास है अगर आप मुंबई गए है तो आपने मरीन ड्राइव पर वक्त तो बिताया होगा। यहां पर समुद्र के किनारे एक शांति का अहसास कराता है मरीन ड्राइव। क्या आपने कभी मरीन ड्राइव पर पड़े इतने सारे पत्थरों के बारे में जाना है। आखिर कहां से यह पत्थर आते है आखिर क्या है इसके पीछे की हिस्ट्री।
जानें कब बना था मरीन ड्राइव
आपको बताते चलें, मुंबई के चर्चित मरीन ड्राइव का निर्माण 1920 के आसपास हुआ है। यहां पर मरीन ड्राइव के शानदार घुमाव पर लगी स्ट्रीट-लाइटें जब रात में जलती हैं जो देखने पर बेहद ही अच्छा लगता है। इस जगह को ड्राइव के अलावा क्वीन्स नैकलेस के नाम से भी जाना जाता है।
दरअसल मरीन ड्राइव पर टेट्रापोड रखे गए है जिन पर बैठकर फोटो खिंचवाने का हर किसी का मन होता है। यह प्राकृतिक टेट्रापोडस नहीं है जिसे इन्हे इंसानों ने बनाया है और इनका निर्माण एक खास वजह से किया गया था।
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जानिए किस वजह से लगे है टेट्रापोड
आपको बताते चलें, मरीन ड्राइव पर इस प्रकार के पत्थरों यानि टेट्रापोड को मजबूत और भयंकर लहरों से शहर की रक्षा करने लिए बनाया गया है। जहां परसमुद्र की तेज लहरें जब तट से टकराती हैं तो दूर तक कंपन जाती है. ऐसे में समुद्र के किनारे पर ये टेट्रापोड डाल दिए गए।
ये ठोस टेट्रापोड कटाव और अन्य समस्याओं से शहर को बचाते हैं. इन्हे एक दूसरे से इंटरलॉक करके रखा गया है, ताकि हाईटाइट के समय ये लहर के बहाव को कम कर सकें, इतिहास के मुताबिक इन टेट्रापोड को 90 के दशक में लाया गया था। सबसे पहले टेट्रापोड का इस्तेमाल फ्रांस में किया गया था. इनका वजन 2 से लेकर 10 टन तक हो सकता है। यहां पर यह समुद्र की लहरों को काबू में लाती है।
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