Holi 2024: इस साल होली 25 मार्च को मनाई जाएगी। 24 मार्च को होलिका दहन (Holika Dahan) होगा। इसके दूसरे दिन होली (Holi 2024 Date) खेली जाएगी।
अगर आप भी जीवन में अपार धन दौलत और सुख-समृद्धि चाहते हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं होलिक दहन का अचूक उपाय (Holi ke Upay)। जिसके करने से आपकी किस्मत बदल सकती है।
चलिए जानते हैं इसे कब करना है। साथ ही जानेंगे इसे करने का सही तरीका क्या है।
होलिका दहन की राख के उपाय
पुराने जमाने में होलिका दहन (Holika Dahan) की राख से ही होली खेलने की परंपरा थी। बुंदेलखंड (Budelkhand Holi Tradition) के गांवों में होलिका दहन की राख (Holika Dahan) को धुरैड़ी के दिन एक दूसरे के माथे पर लगाकर होली की शुभकामनाएं (Holi Wishes) देते हैं।
ऐसी मान्यता है कि होलिका दहन की राख में सारी बुराइयां भस्म होकर वह मंगलकारी बन जाती है। इसलिए इस खास उपाय से लोगों के जीवन की सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं और व्यक्ति निरोगी बनता है।
होलिका दहन क्या करें उपाय
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार बुंदेलखंड में होलिका दहन की कई परंपराएं हैं। होलिका दहन के दिन पूजा के बाद पूजा की अग्नि में गेंहू की बालें डाल कर भूनी जाती हैं। इसके बाद इन भुनी हुई बालियों को घर में रख लिया जाता है। ऐसी मान्यता है कि होली (Holi 2024) पर ये उपाय करने से हमेशा धन धान्य की वृद्धि बनी रहती है। गेंहू की फसल आने पर मां अन्नपूर्णां को पहली फसल अर्पित करने के रूप में भी ये बालें अर्पित की जाती हैं।
होलिका दहन पर बिना बोले करें ये उपाय
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार होलिका दहन के दिन होली (Holi 2024 Date) जलने के बाद जब उसकी अग्नि शांत हो जाती है। तो अगले दिन यानी धुरैड़ी पर सूर्योदय के पहले उठकर बिना किसी से बोले और बिना पीछे देखे, होलिका दहन के स्थान पर जाकर होलिका दहन की राख को उठाकर ले आएं। इसे एक लाल कपड़े में बांध कर घर की तिजोरी में रख लें। होलिका दहन का ये उपाय आपके जीवन में सुख-समृद्धि ला सकता है।
बिना बोले क्यों करना चाहिए उपाय
जब भी कोई धार्मिक पूजा, पाठ, उपाय या टोटका किया जाता है तो उसे मौन रह कर ही किया जाना चाहिए। ज्योतिषाचार्य के अनुसार किसी उपाय को मौन रूप से करने पर ही उसका फल मिलता है। इसलिए होलिका दहन का उपाय (Holi Upay) भी मौन रहकर बिना बोले करना चाहिए।
घर के चूल्हे में साल भर जलती है अग्नि
बुंदेलखंड में होलिका दहन की एक परंपरा अभी भी कायम है। इसमें होलिका दहन की पूजा के बाद उसकी अग्नि को घर लाया जाता है। इसके बाद इसे घर के चूल्हे की राख के अंदर दबा दिया जाता है।
इसके बाद अगले दिन फिर उसी गोबर के कंडे में अगले दिन के लिए लकड़ी और कंडी रख दी जाती है। जिससे उसमें आग लगातार सुलगती रहती है। ऐसा माना जाता है इससे पूरे साल घर का चूल्हा जलता रहता है। जब ये चूल्हे की अग्नि शांत हो जाती है तो इसे अच्छा नहीं माना जाता। यानी ये अशुभ संकेत माना जाता है।
यह भी पढ़ें:
17 से 25 मार्च तक है Holashtak 2024, भूलकर भी न करें ये काम, प्रतिकूल होंगे परिणाम
नोट: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य सूचनाओं पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरुर ले लें।