Supreme Court WhatsApp Ban Case: सुप्रीम कोर्ट ने देश में व्हाट्सएप के संचालन पर प्रतिबंध लगाने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया है।
मामले की सुनवाई जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस अरविंद कुमार की खंडपीठ ने की। बेंच ने माना कि याचिका ‘बहुत अपरिपक्व’ है और इस आधार पर इसे खारिज कर दिया।
यह थी याचिका
याचिकाकर्ता सॉफ्टवेयर इंजीनियर ओमानकुट्टन केजी ने व्हाट्सएप पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर पहले केरल हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। जिसमें आरोप लगाया गया था कि यह सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के अनुरूप कार्य नहीं करता है।
यह आरोप लगाया गया था कि व्हाट्सएप ने आईटी नियमों का पालन करने से इनकार कर दिया क्योंकि उसने दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष अपने उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता का उल्लंघन किया था।
ऐप व्यक्तिगत डेटा को स्टोर और उपयोग करेगा
याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि अद्यतन गोपनीयता नीति में खुले तौर पर उल्लेख किया गया है कि एप्लिकेशन अपने उपयोगकर्ताओं के व्यक्तिगत डेटा को स्टोर, एक्सेस और उपयोग करेगा, जो गोपनीयता के अधिकार का गंभीर उल्लंघन है।
इस नीति की निंदा करते हुए, याचिकाकर्ता ने दावा किया कि ऐप में सुरक्षा की कमी है और समय के साथ कई बग और त्रुटियों सामने आई है।
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हाईकोर्ट से भी याचिका हो चुकी थी खारिज
याचिकाकर्ता की याचिका केरल हाईकोर्ट से भी खारिज हो चुकी थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट का रूख किया गया। केरल हाईकोर्ट में लगी याचिका में आरोप लगाया गया था कि व्हाट्सएप ने यूरोप में एक अलग गोपनीयता नीति लागू की थी।
फिर भी, ऐप भारत में कानूनों का पालन करने से इनकार करता है। केरल हाईकोर्ट ने 28 जून को इसे खारिज कर दिया था। इसमें कहा गया कि अगर संदेशों में कोई हेरफेर हो रहा है, तो उचित जांच की जानी चाहिए।
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