Hanuman Jayanti 2022 : भगवान राम के परम भक्त हनुमान जी (Hanuman Ji) के जन्मोत्सव का उनके भक्तों को बेसब्री से इंतजार है। हर साल चौत्र महीने की पूर्णिमा तिथि पर संकटमोचक हनुमान (Hanuman Ji) का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस साल हनुमान जी का जन्मोत्सव 16 अप्रैल 2022 शनिवार को मनाया जाएगा। महाबली हनुमान जी (Hanuman Ji) के जन्मोत्सव के मौके पर देश भर के मंदिरों में सुंदरकाण्ड, पूजा और चल समारोह निकाले जाएंगे। हिंदू धर्म में भगवान हनुमान जी के जन्म का दिन बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। लेकिन क्या आपकों पता है कि जब महाबली हनुमान जी (Hanuman Ji) आकाश मार्ग में उड़ान भरते थे तो उनकी गति कितनी होती थी। तो आइए आज हम आपको बताते है कि हनुमान जी की उड़ने की गति कितनी थी।
हनुमानजी की उड़ने की गति कितनी रही होगी उसका अंदाजा आप लगा सकते हैं, की रात्रि को 9ः00 बजे से लेकर 12ः00 बजे तक भगवान श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण जी एवं मेघनाद का युद्ध हुआ था। मेघनाद द्वारा चलाया गया बाण लक्ष्मण जी को लगा था। लक्ष्मण जी लगभग रात के 12ः00 बजे के करीब रुमूर्छित हो गए थे। जब भगवान श्री राम जी को लक्ष्मण के मूर्छा होने की जानकारी मिलने के बाद हनुमान जी (Hanuman Ji) लंका के राजा रावण के भाई विभीषण के कहने पर सुषेण वैद्य को लंका से लेकर आए थे। उस दौरान समय करीब 1ः00 बजे के करीबन था।
सुषेण वैद्य ने लक्ष्मण जी की जांच करके बताया कि हिमालय के पास द्रोणागिरी पर्वत पर यह चार औषधियां मिलेगी जिन्हें उन्हें सूर्याेदय से पहले 5ः00 बजे से पहले लेकर आना है। इसके बाद रात्रि को 1ः30 बजे हनुमान जी (Hanuman Ji) हिमालय के लिए रवाना हुए। हनुमानजी को ढाई हजार किलोमीटर दूर हिमालय के द्रोणगिरि पर्वत से उस औषधि को लेकर आने के लिए 3ः30 घंटे का समय मिला था। इसमें भी उनका आधे घंटे का समय औषधि खोजने में लगा होगा। आधे घंटे का समय कालनेमि नामक राक्षस ने जो उनको भ्रमित किया उसमें लगा होगा, एवं आधे घंटे का समय भरत जी के द्वारा उनको नीचे गिराने में तथा वापस भेजने देने में लगा होगा। यानि हनुमान जी (Hanuman Ji) को आने जाने के लिये मात्र 02 घण्टे का समय मिला था।
हनुमान जी को मात्र दो घंटे में द्रोणगिरी पर्वत हिमालय पर जाकर वापस 5000 किलोमीटर की यात्रा करके आये थे, यानि उनके उड़ने की गति ढाई हजार किलोमीटर प्रति घंटा रही होगी। वही वर्तमान में भारतीय वायु सेना का लड़ाकू विमान मिराज की गति 2400 किलोमीटर प्रति घंटा है, तो माना जा सकता है कि हनुमान जी (Hanuman Ji) महाराज वायुसेन के लड़ाकू विमान मिराज की गति से तेजी से तीन-तीन अवरोधों को दूर करके वापस सूर्याेदय से पहले आए थे।
नोट : इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।