What Is Suspension Bridge: गुजरात के मोरबी में हुए दर्दनाक हादसे ने जहां पर सबको को हिला कर रख दिया है वहीं पर मौतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है जिसका आंकड़ा 150-200 लोगों के करीब पहुंच गया है। ऐसे में माच्छू नदी पर बने पुल यानि सस्पेंशन ब्रिज की बात की जाए तो, क्या यह आम पुल से अलग होते है और नदी पर क्या सुरक्षा के साथ बने होते है। आइए जानते है क्या होते हैं नदियों पर बनने वाले ये सस्पेंशन ब्रिज इनका क्या होता है काम।
जानिए सस्पेंशन ब्रिज क्या होते है
आपको बताते चलें कि, नदियों पर या पानी में कई तरह के ब्रिज बनाए जाते हैं, जिसमें एक सस्पेंशन ब्रिज बनाए भी जाते है। सस्पेंशन ब्रिज अक्सर बहाव वाले पानी के ऊपर यानी नदियों पर बनाए जाते हैं. ये ब्रिज केबल के जरिए बनाए जाते हैं. आपने भी देखा होगा नदियों पर कई ब्रिज बने होते हैं, जिसमें नदी के दोनों किनारे पर पिलर लगए होते हैं और बाकी पुल केबल के जरिए टिका होता है. इस तरह के ब्रिज में पानी के अंदर कोई भी पिलर या बेस नहीं बनाया जाता है. इसे ही सस्पेंशन ब्रिज कहा जाता है। इस ब्रिज में डेक (Deck), टावर (टावर), टेंशन (Tension), फाउंडेशन (Foundation)और केबल (cable) अहम हिस्से होते हैं. डेक वो हिस्सा होता है, जो पुल पर बड़ी सड़क का आखिरी हिस्सा होता है. ये अंत पॉइंट होता है, जो जमीन या पहाड़ी में घुसा होती है. डेक के आगे टावर लगा होता है, जो पुल को बेस देने का काम करते हैं, ये दोनों किनारे पर बने होते हैं. इससे ही पुल का टेंशन दोनों किनारों को जोड़ता है. टेंशन वो तार होता है, जो एक टावर से दूसरे टावर पर बंधा होता है. इससे ही केबल लगे होते हैं, जो पुल की सड़क को टेंशन से बांधे रखते हैं। जो ब्रिज का निर्माण करते है।
हैंगिंग ब्रिज कहा जाता है
आपको बताते चलें कि, इसे ही हैंगिंग ब्रिज भी कहा जाता है. इस तरह के पुल 1800 के दशक में काफी ज्यादा बनाए गए थे. बता दें कि चीन के Runyang Yangtze River Bridge को सबसे बड़ा संस्पेंशन ब्रिज माना जाता है. अगर भारत की बात करें तो यहां उत्तराखंड में Dobra-Chanti bridge सबसे बड़ा सस्पेंशन पुल है। इसके अलावा भारत के फेमस सस्पेंशन ब्रिज में कोटो हैंगिंग ब्रिज, लोहित रिवर (अरुणाचल प्रदेश), लक्ष्मण झूला, वालॉन्ग, दार्जलिंग के ब्रिज शामिल हैं।
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