हाइलाइट्स
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सुप्रीम कोर्ट ने SBI पर बड़ी टिप्पणी
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SBI को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
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15 मार्च तक ब्योरा पब्लिश करने के निर्देश
Electoral Bond: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने आदेश का पालन नहीं करने और 6 मार्च तक भारतीय चुनाव आयोग (EC) को चुनावी बॉन्ड Electoral Bond दाता विवरण का खुलासा नहीं करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को फटकार लगाई।
चुनावी बॉन्ड Electoral Bond पर अतिरिक्त समय देने से इंकार कर दिया।
क्या है पुरा मामला
चुनावी बॉन्ड Electoral Bond मामले में सुप्रीम कोर्ट ने SBI की याचिका खारिज करते हुए 12 मार्च तक ब्योरा देने के निर्देश दिए थे।
साथ ही EC को 15 मार्च तक ये ब्योरा पब्लिश करने के निर्देश दिए गए हैं।
आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने SBI पर बड़ी टिप्पणी की।
सीजेआई ने कहा कि हमने आपको डेटा मिलान के लिए नहीं कहा था, आप आदेश का पालन कीजिए।
कोर्ट ने क्या कहा
जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि आपको सिर्फ डेटा सील कवर से निकालना है और भेजना है।
सीजेआई ने SBI से ये भी पूछा कि आपने पिछले 26 दिनों में क्या काम किया, कितना डेटा मिलान किया ।
मिलान के लिए समय मांगना सही नहीं है। हमने आपको ऐसा करने का निर्देश नहीं दिया. आखिरकार सारा ब्यौरा मुंबई मुख्य शाखा में भेजा जा चुका है।
आपने अर्जी में कहा है कि एक साइलो से दूसरे साइलो में जानकारी का मिलान समय लेने वाली प्रक्रिया है।
पांच जजों की संविधान पीठ कर रही है मामले की सुनवाई
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा चुनावी बॉन्ड की जानकारी देने के लिए 30 जून तक की
मोहलत की मांग वाली अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।
ADR की SBI के खिलाफ अवमानना का मामला चलाने की याचिका पर भी सुनवाई हुई।
बता दें कि पांच जजों का संविधान पीठ CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच में सुनवाई हुई।
ADR की SBI के खिलाफ अवमानना का मामला चलाने की याचिका पर भी सुनवाई हुई।
बता दें कि पांच जजों का संविधान पीठ CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच में सुनवाई हुई।
एसबीआई के वकील ने कही ये बात
सुनवाई शुरू होने पर एसबीआई की तरफ से वकील हरीश साल्वे ने कहा कि हमने अतिरिक समय का निवेदन किया है।
आदेश के अनुसार, चुनावी बॉन्ड जारी करना भी बंद कर दिया है। हमें आंकड़ों की जानकारी देने में कोई समस्या नहीं है। हमें सिर्फ कुछ समय और चाहिए।
इसका कारण यह है कि पहले बताया गया था कि यह गुप्त रहेगा। बहुत कम लोगों के पास इसकी जानकारी थी।
सीजेआई ने इस तर्क पर कहा कि आदेश तो 15 फरवरी, 2024 का है, आपको बताना चाहिए था कि अब तक मामले में क्या किया है?
हरीश साल्वे ने कहा कि हमने आंकड़े अलग रखे। अगर किसी खरीद पर गलत नाम लिख दिया गया, तो यह भारी गलती होगी। ऐसे में कुछ समय और चाहिए।