Point Blank Range in Hindi: अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की 15 अप्रैल, 2023 की रात गोली मार कर हत्या कर दी गई. यह हत्याकांड कैमरे में लाइव शूट हो गया था, जिसका विडियो अभी भी इंटरनेट और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
विडियो में यह साफ दिख रहा है कि अतीक अहमद को पॉइंट ब्लैंक रेंज (Point Blank Range) से शूट किया गया है. बिलकुल कनपटी के पास. गोली लगते ही मौके पर ही अतीक और उसका भाई ढेर हो गया. आइए जानते हैं कि पॉइंट ब्लैंक रेंज क्या है?
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पॉइंट ब्लैंक रेंज क्या है – Point Blank Range in Hindi
जो शूटिंग करते हैं या ऐसे लोग पिस्टल और बंदूक जैसे अन्य आग्नेयास्त्रों के विशेषज्ञ या जानकार हैं, वे बखूबी जानते हैं कि पॉइंट ब्लैंक रेंज क्या होता है? क्योंकि, यह शूटिंग की एक शब्दावली है. दरअसल पॉइंट ब्लैंक रेंज का इस्तेमाल पिस्टल और बंदूक जैसे हथियार और टारगेट यानी लक्ष्य के बीच की एक खास दूरी के लिए प्रयोग में लाया जाता है.
यदि आपने अतीक अहमद के मर्डर वाली विडियो देखा होगा, तो अब आपको अंदाजा हो गया होगी कि पॉइंट ब्लैंक रेंज क्या होता है.
जी हाँ, आप सही समझ रहे हैं, जब हथियार और टारगेट के बीच लगभग 12 इंच या से इससे कम की दूरी होती है, तो उसे ‘पॉइंट ब्लैंक रेंज’ कहते हैं. और स्पष्ट रूप से कहें तो प्लाइंट ब्लैंक रेंज का मतलब है बेहद करीब से गोली लगना या मारना.
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कितना घातक होता है पॉइंट ब्लैंक रेंज
पॉइंट ब्लैंक रेंज में टारगेट यानी लक्ष्य हमेशा हथियार, जैसे- पिस्टल, रिवॉल्वर या बंदूक आदि के एकदम पास में होता है. यानी, हथियार और टारगेट सटे हुए होते हैं. लिहाजा, हथियार का वार बहुत ज्यादा असरकारी हो जाता है.
हालांकि यह हथियार की किस्म और टारगेट के हिस्सा-विशेष पर अधिक निर्भर करता है कि पॉइंट ब्लैंक रेंज कितना अधिक घातक और जानलेवा हो सकता है. लेकिन, फोरेंसिक विशेषज्ञों के अनुसार इससे काफी गंभीर क्षति होती हैं. प्रायः अंग-प्रत्यंग के चीथड़े उड़ जाते हैं. प्लाइंट ब्लैंक रेंज से सीना, गर्दन और सिर पर गोली लगने से बचने की उम्मीद नहीं रहती है.
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अतीक को इस पिस्टल से मारी गई थी गोली
पुलिस के अनुसार, अतीक अहमद की हत्या के लिए जिस पिस्टल का इस्तेमाल किया गया था और गोली मारी गई थी, उसे जिगाना पिस्टल (Zigana Pistol) के नाम से जाना जाता है. इसका ईजाद तुर्की (तुर्किए) में हुआ था. इसलिए इसे तुर्की पिस्टल भी कहते हैं.
पिस्टल का मुट्ठा पॉलिमर (ठोस कार्बन प्लास्टिक) बने होने के कारण ये पिस्टल हल्की होती है. भारत में बनी पिस्टल 2-3 राउंड की फायरिंग के बाद ही गर्म हो जाती हैं. लेकिन, जिगाना पिस्टल जल्दी गर्म नहीं होती है और न ही हाथ जलाती है. इससे निशाना भी बढ़िया सधता है.
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